राज एक्सप्रेस। मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering) में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया गया है। वहीं पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत छह मई तक बढ़ा दी है।
बता दें कि, इस मामले में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने मलिक की याचिका खारिज कर दी है। आज शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि, वह इस स्टेज में मामले में दखल नही दे सकती है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात:
जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "हम जांच के इस स्टेज पर दखल नहीं देंगे। ऐसे में आप उचित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कीजिए। वहीं मलिक ने अपनी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि, PMLA कानून 2005 का है। लेकिन उनकी गिरफ्तारी 1999 में हुए लेन-देन के लिए की गई।
संजय राउत ने कही यह बात:
नवाब मलिक की याचिका खारिज होने के सवाल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, "मैंने कहा था कि ये जो राहत घोटाला, दिलासा घोटाला कोर्ट में चल रहा है ये सब केवल एक ही विचारधारा के लोगों को मिल रहा है, दूसरों को नहीं मिलेगा। देश की न्याय व्यवस्था में यह सबसे बड़ा घोटाला है।"
नवाब मलिक की याचिका खारिज होने के सवाल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने आगे कहा कि, "इस बारे में इंडियन बार काउंसिल ने मेरे खिलाफ याचिका दायर की है, मैं इसका जवाब दूंगा।"
बता दें कि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ बीते दिन गुरुवार को आरोपपत्र दाखिल किया था। यह मामला मलिक के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और उससे जुड़ी संपत्तियों की खरीद में पैसों की हेराफेरी से जुड़ा है।
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