राज एक्सप्रेस। देश में इस समय बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया है, जिसके बावजूद कई यूनिवर्सिटी में इसे दिखाया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच कहा है कि, ‘देश को तोड़ने के बहाने ढूंढे जाते हैं। भांति, भांति की बातें निकालकर, मां भारती की संतानों के बीच दूध में दरार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’ वैसे आपको बता दे कि यह पहला मौका नहीं जब भारत सरकार और बीबीसी आमने-सामने आए हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।
इंदिरा गांधी ने बीबीसी को किया था बैन :
साल 1970 में बीबीसी ने फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज का प्रसारण किया गया था। इस डॉक्यूमेंट्री में भारत में लोगों की रोजाना की जिंदगी दिखाई थी। भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को पूर्वाग्रह से ग्रसित और भारत को गलत रूप से पेश करने वाला करार देते हुए बीबीसी पर दो साल का बैन लगा दिया था।
फेक स्टोरी पर बवाल :
साल 2008 में बीबीसी ने एक पैनोरमा शो में एक वीडियो दिखाया था, जिसमें एक वर्कशॉप में कुछ बच्चे काम करते हुए नजर आ रहे थे। बीबीसी के इस वीडियो पर काफी हंगामा हुआ था और बाल श्रम को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में पूरी स्टोरी ही फर्जी निकली थी।
निर्भया गैंग रेप की डॉक्यूमेंट्री पर बैन :
साल 2012 में दिल्ली में हुए चर्चित निर्भया गैंग रेप पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को भी सरकार ने बैन कर दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री में गैंग रेप के दोषी मुकेश सिंह को दिखाया गया था। साल 2015 में कोर्ट ने भी सरकार के इस फैसले को सही ठहराया था।
शूटिंग पर प्रतिबंध :
साल 2017 में भारत सरकार ने बीबीसी के भारत के नेशनल उद्यानों और वन्यजीव अभ्यारण्यों में शूटिंग करने पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया था। इसका कारण यह था कि बीबीसी ने जंगली जानवरों के शिकार जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए भारत की छवि खराब की थी।
भारत का गलत नक्शा :
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को लेकर बनाई गई एक रिपोर्ट में बीबीसी ने भारत का नक्शा दिखाया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर की सरहदें गायब थी। इस मामले में ब्रिटेन में लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा की शिकायत के बाद बीबीसी को माफी मांगनी पड़ी थी।
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