राज एक्सप्रेस। राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब इसकी स्थापना को लेकर उत्सुकताएं जागी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर के लिए योजना तैयार करेगी। इसकी तैयारियां 90 के दशक यानी करीब 30 साल पहले ही आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई ने शुरू कर दी गई थी।
विश्व हिंदू परिषद ने बनाया मॉडल :
राम मंदिर निर्माण में विश्व हिंदू परिषद ने जी जान से लड़ाई लड़ी है। हो सकता है कि, इस मंदिर को उसी के मॉडल के हिसाब से बनाया जाए। आपको बता दें कि, इसी साल अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव शुरू होने से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का एक मॉडल सबके सामने रखा था। ये मॉडल राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में रखा हुआ है, जो लोग भी रामलला के दर्शन करने जाते हैं, वह कार्यशाला में रखे राम मंदिर के इस मॉडल को भी जरूर देखते हैं।
आर्किटेक्ट चंद्रकांत ने तैयार किया मॉडल :
बता दें कि, इस मॉडल को अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने तैयार किया था। बताया जा रहा है कि, इस मॉडल के अनुसार करीब 65 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं। चंद्रकांत ने बातचीत में बताया कि, मंदिर निर्माण के लिए 50% काम पूरा हो गया है। अगर 2000 कारीगर रोजाना 10-10 घंटे काम करेंगे, तो इसे ढाई साल में पूरा कर लिया जाएगा। चंद्रकांत के दादा ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था। सोमपुरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर निर्माण के काम में ही लगा हुआ है।
नहीं होगा लोहे का इस्तेमाल :
रिपोर्ट्स के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। इसकी वजह स्थापत्य को पत्थरों के जरिए मंदिर को मजबूती देना बताई जाती है। वहीं, भगवान राम की प्रतिमा और राम दरबार का निर्माण होगा। मुख्य मंदिर में सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भगवान गणेश की प्रतिमाएं भी उनके इर्द-गिर्द होंगी। अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि, मंदिर कब तक बनता है।
कुछ ऐसा होगा मंदिर का निर्माण :
इसे 150 फुट चौड़ा, 270 फुट लंबा और 270 फुट ऊंचे गुम्बद आकार में रचा जाएगा।
इसमें सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भ गृह के सुंदर प्रवेश द्वार होंगे।
फर्श पर संगमरमर का इस्तेमाल होगा, बाकी निर्माण पत्थर भरतपुर से लाए जाएंगे
मंदिर आधार से शिखर तक चार कोण का और गर्भ गृह आठ कोण का होगा, परिक्रमा वृत्ताकार।
मॉडल दो मंजिला है, भूतल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर राम दरबार होगा।
मंदिर में 221 स्तंभ होंगे, हर एक पर देवी-देवताओं की 12 आकृतियां बनी होंगी।
मंदिर में ही संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारी आवास, भोजनालय आदि भी होगा।
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