जन्मदिन : किसी समय लगातार हार के चलते राजनीति छोड़ना चाहते थे नीतीश, जानिए कैसे बने मुख्यमंत्री?
राज एक्सप्रेस। आज बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। रिकॉर्ड 8 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियार पुर में हुआ था। सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार को राजनीति का माहिर खिलाड़ी भी कहा जाता है। वह अब तक 6 बार एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर जबकि 2 बार महागठबंधन के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं। हालांकि बहुत कम लोग जानते होंगे कि बिहार की राजनीति के सबसे बड़े खिलाड़ी नीतीश कुमार किसी समय चुनाव में मिली रही असफलताओं के चलते राजनीति ही छोड़ना चाहते थे।
लगातार 2 चुनाव हारे :
लोकनायक जय प्रकाश के आंदोलन से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार साल 1977 में जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। इसी साल नीतीश कुमार ने नालंदा जिले की हरनौत सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में नीतीश कुमार को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 1980 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जनता पार्टी (सेक्युलर) के टिकट पर हरनौत सीट से विधानसभा के चुनाव में खड़े हुए थे। लेकिन इस बार भी हरनौत की जनता ने उन्हें नकार दिया।
राजनीति छोड़ना चाहते थे नीतीश :
बहुत कम लोग जानते होंगे कि नीतीश कुमार ने अपने जीवन के शुरूआती 2 चुनावों में हार का सामना किया था। खास बात यह है कि अपना सब कुछ छोड़कर राजनीति पर फोकस करने वाले नीतीश कुमार उस समय शादीशुदा थे और चुनाव में मिल रही हार के चलते उनके सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ था। ऐसे में नीतीश कुमार ने मन बना लिया था कि वह अब राजनीति छोड़कर सरकारी ठेकेदार बन जाएंगे, ताकि उनका घर चल सके।
अटल बिहारी के कहने पर बने मुख्यमंत्री :
साल 1985 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर हरनौत सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा। हालांकि इस बार नीतीश कुमार को चुनाव में जीत मिली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद साल 1989 से लेकर साल 1999 तक वह 5 बार लोकसभा का चुनाव जीते। इसी बीच नीतीश अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार केन्द्रीय मंत्री भी बने। साल 2000 में अटल बिहारी के कहने पर ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने, हालांकि बहुमत ना होने के चलते 7 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 2005 में नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा और जीतकर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। साल 2014 से साल 2015 को छोड़ दे तो नीतीश कुमार साल 2005 के बाद से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं।
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