असम में बाढ़ की भारी तबाही- सामान्य जीवन अस्त व्यस्त एवं मृतको की संख्या में इजाफा
असम, भारत। मानसून के चलते देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है। तो वहीं, असम राज्य में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। इस दौरान बाढ़ से मरने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज हो रही है।
सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त :
बताया जा रहा है कि, असम में बाढ़ में इस कदर हाहाकार मचाया है की लोगों का सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग अपने घर को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो रहे हैं। बीते दिन असम में बाढ़ के चलते 2 लोगों को मौत हुई है। हालांकि, असम में बाढ़ को लेकर राहत और बचाव कार्य जारी है। राज्य अधिकारियों के मुताबिक, असम में 295 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 1,35,166 लोगों ने शरण ले रखी है। इसके अलावा कई अन्य सामाजिक संगठन भी असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद मुहिया करा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही है।
असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 186 :
बाढ़ से मरने वालों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है और अब तक असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 186 हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, असम के 15 जिलों में 9.68 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। तो वहीं, बीते मंगलवार 5 जुलाई को असम के 16 जिलों में 11.17 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित थे।
असम में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला कछार है है, यहां बाढ़ से 5.7 लाख लोग प्रभावित हैं।
कछार के बाद दूसरा सबसे प्रभावित जिला नगांव है, जहां पर 1.89 लाख मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
तो वहीं, मोरीगांव भी बाढ़ से प्रभावित है, यहाँ 1.58 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (State Disaster Management Authority) ने बाढ़ के हालातों पर जानकारी देते हुए बताया कि, ''बुधवार को बाढ़ के कारण असम के दो जिलों कामरूप (Kamroop) और नगांव (Nagaon) में दो बच्चों की मौत हो गई।"
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