लोकसभा में अमित शाह
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नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, ये लड़ाई केंद्र-राज्य की नहीं हम सभी की है: अमित शाह

लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हमारी सरकार की ड्रग्स के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति है।
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दिल्ली, भारत। संसद का शीतकालीन सत्र का दौर जारी है, इस दौरान आज बुधवार को लोकसभा में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे :

दरअसल, लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "हमारी सरकार की ड्रग्स के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति है। नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं बल्कि हम सभी की है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं।"

ड्रग्स की छोटी से छोटी जब्ती को भी हम इसोलेशन में नहीं देख सकते हैं। हवाई अड्डे या पोर्ट से एक छोटी दुकान तक ड्रग्स कैसे पहुंची इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। मुझे खुशी है कि राज्यों के सहयोग से ऐसे मामलों में जांच दोगुनी हुई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

  • हमने वर्ष 2019 से विभिन्न चरणों में चार स्तरीय N-Code समिति की स्थापना की है, जिसमें जिला से लेकर केंद्र तक समन्वय स्थापित किया है।

  • जब तक जिला स्तर पर इस विषय की मीमांसा नहीं की जाएगी तब तक हमारी लड़ाई सफल नहीं होगी।

  • भारत की तरफ से इंटरपोल को आग्रह किया गया है कि नारकोटिक्स और आतंकवाद के गठजोड़ का रियल टाइम इन्फॉर्मेंशन का सिस्टम बनाए, इस से विभिन्न देशों के बीच समन्वय बढ़ेगा।

  • NCB के तहत 419 पदों का सृजन किया गया है। हमने 472 जिलों में ड्रग्स मैपिंग कर ड्रग्स की सप्लाई के रूट्स आइडेंटिफाई किए हैं और इसके तहत बड़ी मात्रा में जब्ती भी की गई है। आने वाले दो साल में कितना भी बड़ा अपराधी हो... वो जेल की सलाखों के पीछे होगा।

  • आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हमने एक लक्ष्य लिया था कि हम 60 दिन में 75 हजार किलो ड्रग्स को जलाएंगे लेकिन मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हमने 1 लाख 60 हजार किलो से अधिक ड्रग्स को जलाया है।

  • साल 2006 से 2013 के बीच में 22 लाख 41 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई जबकि 2014 से 2022 तक 62 लाख 60 हजार की ड्रग्स पकड़ी गई। कीमत में देखें तो तब 23 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई थी जबकि अब 97 हजार करोड़ की ड्रग्स पकड़ कर जला दी गई है।

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