गांधीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक उच्चस्तरीय क्षेत्रीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान श्री शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने कानून और व्यवस्था को राज्यों का मुद्दा बनाया है और ये उचित भी है, लेकिन विगत चार दशकों में कई इस प्रकार के अपराध अलग-अलग पद्धतियों से अस्तित्व में आए हैं, जिनकी प्रकृति ना केवल राष्ट्रीय है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय भी है, जैसे ड्रग्स की तस्करी और इसका प्रसार। ये देश की सीमाओं के दूसरी ओर से किया जा रहा एक अपराध है और देश की सीमाओं के अंदर भी अंतरराज्यीय गिरोहों के माध्यम से ये अपराध छोटे- छोटे शहरों, गांवों और कस्बों तक पहुंचा है और हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है।
इस बैठक में गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दादरा- नगर हवेली तथा दमन- दीव राज्य के मुख्यमंत्री / उप मुख्यमंत्री / प्रशासकों के साथ-साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्यों का विषय होने के बावजूद भी अगर हम अक्रॉस बॉर्डर लड़ने का अप्रोच नहीं रखते हैं, तो इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते हैं।इसीलिए सभी राज्यों की पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की सभी ऐजेंसियां, भारत सरकार का राजस्व, समाज कल्याण, आरोग्य विभाग और सीमा सुरक्षा का काम करने वाली सभी सीएपीएफ, तटरक्षक बल और नौसेना का व्यापक समन्वय करके अगर हम नीति नहीं बनाते हैं, तो इस समस्या को पूर्णतया नष्ट करना असंभव है। इसीलिए श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 से एक अप्रोच लिया है कि समन्वय और सहयोग के आधार पर नारकोटिक्स के खिलाफ हमारी लड़ाई को पुख्ता, मज़बूत करना, परिणामलक्षी बनाना और सफल करना है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के क्षेत्रीय सम्मेलनों के बाद ज़िलास्तरीय एन्कॉर्ड की रचना हुई है। एफएसएल का उपयोग भी बढ़ा है। राज्यों के हाई कोर्ट में राज्य प्रशासन द्वारा स्पेशल कोर्ट की अनुमति मांगने की संख्या भी बढ़ी है। श्री शाह ने कहा कि एक ओर नारकोटिक्स दीमक की तरह हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है और दूसरी ओर नारकोटिक्स के व्यापार से आने वाला अवैध धन आतंकवाद को भी पोषित करता है। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखने और आतंकवाद के वित्त पोषण पर करारा प्रहार करने की दृष्टि से इस लड़ाई को भारत सरकार की सभी ऐजेंसियां, राज्य सरकारों की सभी ऐजेंसियां और पुलिस को एक साझा लड़ाई के रूप में एक स्पिरिट के साथ लड़ना और जीतना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में आज नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई एक नाजुक और महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और अगर हम एक ही रणनीति के साथ लड़ते हैं, तो हम जीतेंगे लेकिन अगर हम बिखराव के साथ इसे एक सामान्य अपराध मानकर चलते हैं तो ड्रग्स ऑपरेटर जीतेंगे।
उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के इस अमृत महोत्सव के वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नशा-मुक्त भारत’ बनाने का जो लक्ष्य हमारे सामने रखा है, उसमें हमें सफलता प्राप्त करनी ही है और इस दिशा में केन्द्रीय गृह मंत्रालय और भारत सरकार की सभी ऐजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर 75 दिनों के दौरान 75 हजार किलोग्राम नारकोटिक्स पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन श्री मोदी के नेतृत्व में समय से पहले ही मात्र 60 दिनों में इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि आज इस विशेष अभियान मे एनसीबी दिल्ली, एनसीबी अहमदाबाद और गुजरात पुलिस द्वारा लगभग 1864 करोड़ रूपए के ड्रग्स का विनष्टिकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही अब तक लगभग एक लाख 65 हजार किलोग्राम जब्त मादक पदार्थों का विनष्टिकरण किया जा चुका है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनसीबी सभी राज्यो के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फ़ोर्स के साथ समन्वय स्थापित करते हुये मादक पदार्थों की जब्ती और उसके विनष्टिकरण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, ताकि श्री मोदी के नशा मुक्त भारत के संकल्प को सार्थक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
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