BPRD के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शाह का संबोधन, कानून व्यवस्था को लेकर कही ये बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शमिल हुए और समारोह को संबोधित किया एवं इस मौके पर मीराबाई चानू को किया सम्मानित।
BPRD के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शाह का संबोधन
BPRD के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शाह का संबोधनPriyanka Sahu -RE
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दिल्‍ली, भारत। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज 4 सितंबर को राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो' (BPRD) के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) के 51वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।

मीराबाई चानू को किया सम्मानित :

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस समारोह में टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को सम्मानित किया। मणिपुर सरकार ने मीराबाई चानू को पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में नियुक्त किया है।

BPRD के समारोह में अमित शाह का संबोधन :

BPRD के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा- कोई भी संस्था हो, वह अपने क्षेत्र के अंदर 51 साल तक अपनी प्रासंगिकता को बना सकता है और बनाए रखता है तो उसका मतलब है उसके काम में प्रासंगिकता और दम दोनों हैं। लोकतंत्र 15 अगस्त 1947 के बाद या 1950 में संविधान अपनाने के बाद ही आया, तो यह गलत है, पहले भी गांवों में 'पंच परमेश्वर' हुआ करते थे। हजारों साल पहले द्वारका में यादवों का गणतंत्र था। बिहार में गणतंत्र भी था, इसलिए लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव रहा है।

  • समय के साथ बदलती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व की सबसे कारगर तकनीक से देश के पुलिस बलों को तैयार करना BPR&D का मुख्य काम है। आज साइबर व ड्रोन हमले, ड्रग्स की स्मगलिंग, हवाला रैकेट सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और मैं मानता हूँ कि इनसे निपटने की गति को और तीव्र करने की जरूरत है।

  • पुलिस रिफॉर्म का जमीनी स्तर पर कितना प्रभाव पड़ा BPR&D को यह जानने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था बनानी चाहिए। एक संस्थागत व्यवस्था के बिना हमारे सुधार व्यावहारिक हैं या नहीं, जिस पुलिस बल के माध्यम से हम सुधार करना चाहते हैं हम उन्हें प्रेरित कर पाए या नहीं, इसका पता नहीं चल सकता।

  • समय के साथ बदलती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व की सबसे कारगर तकनीक से देश के पुलिस बलों को तैयार करना BPR&D का मुख्य काम है। आज साइबर व ड्रोन हमले, ड्रग्स की स्मगलिंग, हवाला रैकेट सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और मैं मानता हूँ कि इनसे निपटने की गति को और तीव्र करने की जरूरत है।

  • अगर क़ानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। क़ानून व्यवस्था को ठीक रखने का काम पुलिस करती है। पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम अगर किसी सरकारी कर्मचारी का है तो वह पुलिस के मित्रों का है।

  • मैं मानता हूँ कि लोकतंत्र में सबसे बड़ा योगदान बीट कांस्टेबल का है जो नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। कोरोनाकाल में पुलिस बलों को उनकी सेवाओं के लिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उन्हें जिस प्रकार से सम्मानित किया गया उससे हर भारतीय को गर्व व आनंद की अनुभूति हुई।

75 सालों में देश में 35,000 पुलिस के जवानों ने बलिदान दिया, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक की रचना की जो बताता है कि, पुलिस 35,000 बलिदानों के साथ देश की सेवा में खड़ी है।

गृह मंत्री अमित शाह

विपक्ष पर साधा निशाना :

पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आगे यह भी कहा कि, ''पता नहीं क्यों, लेकिन पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश की गई। कुछ घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और कुछ अन्य अच्छी घटनाओं को स्थान नहीं दिया गया, पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाता है।''

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