अजीत डोभाल ने बताया आखिर क्यों लाई गई अग्निपथ योजना
दिल्ली, भारत। भारतीय सेना में नई भर्ती को लेकर हो रहे विरोध के बीच आंदोलनकारियों को हर संभव समझाने का प्रयास किया जा रहा है। अब आज मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने 'अग्निपथ योजना' को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
अग्निपथ योजना पर अजीत डोभाल ने कहा :
इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का अग्निपथ भर्ती योजना और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी। अजीत डोभाल ने बताया आखिर क्यों अग्निपथ योजना लाई गई। उन्होंन कहा- आज पड़ोस के हालात बदल रहे हैं। ऐसे में 'अग्निपथ' सिर्फ एक योजना ही नहीं है, बल्कि इसे भविष्य को देखकर लाया गया है। जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। आवश्यक इसलिए था क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है।
पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं। 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था। राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
आगे उन्होंने यह भी कहा कि, ''आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है। यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है। सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है।''
अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल के लिये भर्ती किए गए जवान होंगे। बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा। जो अग्निवीर नियमित होंगे (4 साल बाद) उन्हें घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी। रेजिमेंट के सिद्धांत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी।
इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है..यह जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं।
जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं।
अगर हमें अपने हित की सुरक्षा करनी है तो हम फैसला करेंगे कि हमें कब, किसके साथ, किस आधार पर शांति स्थापित करनी है...हम पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं परन्तु आतंकवाद के लिए सहिष्णुता नही है।
यह एक समस्या है, इससे हम प्रभावी रूप से निपट रहे हैं। 2019 के बाद से कश्मीर के लोगों की सोच में बदलाव आया है, वे अब पाकिस्तान और आतंकवाद के पक्ष में नहीं है...कुछ युवा गुमराह हैं, कुछ आतंकी संगठन अभी भी सक्रिय हैं, हम उनसे लड़ रहे हैं।
हमारा चीन के साथ सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद बहुत समय से है। चीन को स्पष्ट है कि हम किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगे।चर्चा से समाधान की कोशिश लगातार जारी है। हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि पूरी तरह अपनी सीमा की सुरक्षा करें।
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