अधिवक्ताओं का आमरण अनशन
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प्रदेश के 1500 अधीनस्थ अदालतों में अधिवक्ताओं का आमरण अनशन

प्रदेश के 1500 अधीनस्थ अदालतों में नही हो रहा है कोई न्यायिक कार्य।अधिवक्ता कर रहे है आमरण अनशन।
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राजस्थान, भारत प्रदेश की 1500 अदालतों में न्यायिक कार्य नही हो रहा है, क्योंकि न्यायिक कर्मचारी और अधिवक्ता पूरे प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं। सबसे पहले यह आंदोलन जयपुर की अधीनस्थ अदालत में शुरू हुआ था 12 दिन पहले। 12 दिन से जयपुर अधिनस्थ अदालत के कर्मचारी आमरण धरना दे रहें हैं, लेकिन अब इस अनशन की गूंज पूरे प्रदेश के फैल गई है।

अदालतो के कर्मचारी दे रहे है धरना :

राज्य के 1500 अधीनस्थ अदालतों के 17500 कर्मचारी धरना दे रहे है। धरना देने का कारण है अधिवक्ता सुभाष मेहरा की संदेहजनक अवस्था में मौत हो जाना। कर्मचारी और अधिवक्ता उनकी मौत की पुलिस जांच और एफआईआर दर्ज कराने के मांग कर रहे हैं।

कर्मचारी धरना देने के साथ ही धरना स्थल पर ही हस्ताक्षर अभियान चलाकर अदालतो में आ रहे लोगो से भी हस्ताक्षर कर सहयोग की मांग कर रहें हैं। न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि तथा मेहरा समाज के प्रतिनिधि मंडल राज्य के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को इस पूरी घटना का विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे।

आमरण अनशन करने के कारण न्यायिक कर्मचारी संघ के महामंत्री सतबीर सिंह के स्वास्थ्य में गिरावट आ रहीं हैं।न्यायिक कर्मचारी संघ पिछले 12 दिन से बिना कुछ खाए बिना पानी पिए अनशन कर रहें हैं। वह सरकार के कुछ संदेश न मिलने के करण बहुत ही दुखी और गुस्से में और उन्हे अपने महामंत्री सतबीर सिंह के स्वास्थ्य की भी चिंता हो रही है।

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