अगर 'इंडिया नहीं भारत' हो जाए तो, जान ले इसके फायदें और नुकसान
देश के आधिकारिक नाम को लेकर फिर से सियासत गरमा गई है। जी 20 सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण के बाद यह मुद्दा उठा है। इस निमंत्रण के ऊपर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' नहीं बल्कि 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा है। मंगलवार सुबह कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने X पर निमंत्रण पत्र की तस्वीरें साझा कर यह मुद्दा उठाया। जिसके बाद सरकार की देश का आधिकारिक नाम केवल भारत कर देने की मंशा के कयास लगाए जाने लगे थे। हालाकि केंद्र सरकार ने देश के नाम बदलने वाली बात को अफवाह बताया है।
देश का आधिकारिक नाम सिर्फ भारत कर देने का मुद्दा कई बार उठा है। अभी तो सरकार ने इसे खारिज कर दिया है। पर अगर ऐसा होता हैं तो जानिये इसके क्या फायदें और नुकसान हो सकते हैं-
फायदें-
देश में लंबे समय से आधिकारिक नाम केवल भारत करने की मांग उठ रही है। ऐसा करने से निम्न फायदें हो सकते हैं-
दो नामों का कनफ्युशन नहीं होगा
देश और विदेशों में भारत के दो नाम होने के कारण कई तरह के भ्रम होते हैं। एक नाम को आधिकारिक करने से ऐसे भ्रम दूर होंगे। इससे विश्व में देश की पहचान को लेकर भी कोई शंका नहीं होगी।
सांस्कृतिक विरासत झलकेगी
भारत नाम देश की सांसकृतिक विरासत को दिखाता है। सदियों से मान्यता है कि विदेशियों के आक्रमण से पहले, इस भूमि को भारत भूमि, भारत वर्ष या केवल भारत ही कहा जाता था। यह नाम प्राचीन राजा भरत के नाम पर रखा गया था। इस नाम के कई प्राचीन महत्व भी हैं। इसलिए देश का आधिकारिक नाम भारत होना, विश्व भर में हमारी सांसकृतिक विरासत का प्रसार करेगा।
विदेशियों के दिये नाम से आज़ादी
सिंधु या इंडस नदी के किनारे होने के कारण भारत का नाम इंडिया पड़ा। विदेशियों ने भारत को यह नाम दिया। इसके बाद यह नाम प्रख्यात हो गया। इसलिए अब केवल भारत को देश का आधिकारिक नाम रखने से विदेशियों के दिये गए नाम से देश को आज़ादी मिलेगी।
देश में ज्यादा प्रचलित है भारत नाम
देश के आम लोगों के बीच इंडिया नहीं बल्कि भारत नाम ज्यादा प्रचलित है। जब देश का आधिकारिक नाम केवल भारत होगा, तब सभी दस्तावेजों में भी यही नाम चलेगा। देश के आम लोग इस नाम से ज्यादा जुड़ाव महसुस करेंगे।
नुकसान-
देश के आधिकारिक नाम में इंडिया हटा देना और केवल भारत रखना इतना आसान नहीं है। पूरी तरह से इंडिया नाम हटा देने से कई क्षेत्रों में इसका प्रभाव पड़ेगा। बड़े स्तर में देश में यह बादलाव लाने में यह सम्सयाएं आ सकती है-
संविधान में कई जगह इस्तेमाल हुआ है इंडिया नाम
संविधान में कई जगहों पर इंडिया नाम का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में अगर इंडिया देश का आधिकारिक नाम नहीं रहेगा, तो संविधान में काफी बदलाव करने पड़ेंगे। यह काम करना आसान नहीं
सभी दस्तावेज़ों में है इंडिया नाम
भारत में सभी सरकारी दस्तावेज़ों में इंडिया नाम का ही प्रयोग किया गया है। यहां तक की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए जरुरी पासपोर्ट में भी भारत नाम का ही इस्तमाल होता है। ऐसे में अगर इंडिया देश का आधिकारिक नाम नहीं होगा तो, सभी दस्तावेज़ों में बहुत से बदलाव करने होंगे।
नाम बदलने में आएगा बहुत खर्च
देश में जहां भी इंडिया नाम का प्रयोग हुआ है उसे भारत करने में काफी खर्च आएगा। नए दस्तावेज़ों की छपाई में बहुत पैसा और समय लगेगा।
इंडिया एक ब्रांड बन चुका है
विश्व स्तर पर भारत की पहचान इंडिया से ही होती है। इंडिया केवल नाम नहीं, एक ब्रांड बन चुका है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं, खेलों, सम्मेलनों, आदि में हमारा देश इंडिया नाम से ही शामिल होते आया है। ऐसे में नाम बदलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के ब्रांड पर प्रभाव पड़ेगा।
सरकार की योजनाओं में भी है इंडिया नाम
भारत सरकार की कई योजनाओं और सरकारी संस्थानों के नाम में भी इंडिया शब्द का प्रयोग हुआ है। ऐसे में इंडिया नाम हटाने से इनमें भी बदलाव करने पड़ेंगे।
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