राज एक्सप्रेस। देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने सरकार के सामने सात शर्तें रखी थीं। इस पर सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार हो गई थी। वहीं, आज सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 7वें दौर की बातचीत खत्म हुई। इस बैठक में कई किसान नेता शामिल हुए थे। इस बैठक के बारे में जानकारी किसान नेता राकेश सिंह टिकैत और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए।
7वें दौर की बातचीत खत्म :
दरअसल, सरकार ने हाल ही में किसानों केसाथ बैठक लेने का ऐलान किया था। वहीं, आज सरकार ने किसानों के साथ एक बैठक की और 7वें दौर की बातचीत खत्म की। इस बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीनों कृषि कानूनों और MSP पर बातचीत हुई। कई घंटे हुई इस बैठक के बाद सरकार ने MSP पर अंतिम फैसला 8 जनवरी को अगली बातचीत के बाद लेने का ऐलान किया है। इस हुई बैठक के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी जानकारी दी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया :
सरकार और किसानों के साथ 7वें दौर की बातचीत खत्म करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'आज आंदोलनकारी किसानों के साथ अच्छी चर्चा हुई। हम किसी निर्णय तक तो नहीं पहुंच सके, लेकिन यह फैसला लिया गया कि, दोनों पक्ष 8 जनवरी को फिर बातचीत की टेबल पर बैठेंगे। किसानों का सरकार पर पूरा विश्वास बना हुआ है। किसानों का कहना है कि, सरकार ही इस विवाद का कोई हल ढूंढे। जब इस प्रकार के मामले होते हैं तो फैसला लेने से पहले कई दौर की चर्चा करनी पड़ती है।'
कृषि मंत्री ने की अपील :
बताते चलें, किसान संगठन दिनभर चली इस बैठक के दौरान अपनी एक ही जिद्द पर अड़े रहे। उनकी मांग है कि, सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। जबकि, सरकार सिर्फ इस बिल में आपत्तिजनक बिंदुओं पर ही चर्चा कर उनमें सुधार करने पर विचार कर रही है। इसी मंशा से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के दौरान किसानों से कई बार सुधारों के लिए मान जाने की अपील की इस बैठक में शामिल किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'जब तक सरकार एमएसपी (MSP) पर गारंटी और तीनों कानूनों को वापिस नहीं ले लेती, तब तक हम यहीं रहेंगे। चाहे सरकार कोई भी समिति गठित कर ले।'
भारतीय किसान सभा के नेता का कहना :
इस मामले में भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि, 'मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को विचार करना चाहिए और किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए. सोनिया गांधी अपना ओपिनियन दे सकती हैं, लेकिन यह आंदोलन किसानों का है और यहां किसान ही जीतेगा।'
भारतीय किसान सभा के नेता का कहना :
इस मामले में भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि, 'मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को विचार करना चाहिए और किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए, सोनिया गांधी अपना ओपिनियन दे सकती हैं, लेकिन यह आंदोलन किसानों का है और यहां किसान ही जीतेगा।' गौरतलब है कि, किसान और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत 30 दिसंबर को हुई थी। इसके अलावा अगली बैठक अब 8 जनवरी को लिया जाएगा।
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