आज ही के दिन देश में हुई थी आपातकाल की घोषणा, जानिए क्यों और क्या हुआ इस दौरान?
Emergency : 25 जून 1975 को भारत के इतिहास के काले दिन के तौर पर याद किया जाता है। यह वही दिन था जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। करीब 21 महीनों तक देश में लगे इस आपातकाल को भारतीय राजनीति के इतिहास का सबसे विवादित समय माना जाता है। इस दौरान देश में चुनाव स्थगित कर दिए गए थे और इंदिरा सरकार के विरोध में आवाज उठाने वाले हर शख्स को जेल में डाल दिया गया था।
भारतीय इतिहास का काला दिन
देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार की सिफारिश पर 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल के ड्राफ्ट पर फखरुद्दीन अली ने 25 जून की आधी रात को साइन किए थे। यह घोषणा भारतीय अनुच्छेद 352 के अंतर्गत की गई थी। इस ड्राफ्ट पर साइन किए जाने की अगली सुबह यानि 26 जून को इंदिरा गांधी ने सुबह 6 बजे एक बैठक बुलाई और कैबिनेट को आपातकाल का घोषणापत्र सुनाया गया। बताया जाता है कि इस आपातकाल के पीछे की एक वजह जयप्रकाश नारायण की आर्मी और पुलिस के द्वारा सरकार का आदेश ना मानना था। जबकि एक अन्य वजह के अनुसार 12 जून 1975 को इलाहबाद हाई कोर्ट के द्वारा इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया जाता रहा था। आपातकाल को लेकर ऐसी ही कई वजहें और भी बताई जाती हैं।
क्या हुआ आपातकाल में?
उस समय इंटरनेट या अन्य संचार साधन चलन में नहीं थे। जिस कारण देश की जनता को आपातकाल की जानकारी ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम से दी गई थी। आपातकाल का यह समय ऐसा था जब इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज उठाना हर किसी को महंगा पड़ रहा था। इस दौरान जो कोई सरकार के खिलाफ होता उसे पकड़कर जेल में बंद कर दिया जाता था। सरकार ने इस आपातकाल के बाद मीसा यानि मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी के तहत हजारों लोगों को जेल में बंद कर दिया। इंदिरा गांधी का विरोध करने वाले जयप्रकाश नारायण के साथ अन्य कई नेताओं को भी अपनी कई रातें जेल में ही काटनी पड़ी। भारत में यह आपातकाल 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक चला था।
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