Oscar Award
Oscar AwardSocial Media

ऑस्कर में क्यों असफल हो रही हैं भारतीय फिल्में ?

कैलिफोर्निया स्थित लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में 94वां ऑस्कर पुरस्कार का आयोजन किया गया। इस साल भारत की तरफ से डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘राइटिंग विद फायर’ को नामांकित किया गया था।
Published on

कैलिफोर्निया स्थित लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में 94वें ऑस्कर पुरस्कार का आयोजन किया गया। 'कोडा' को बेस्ट फ़िल्म के लिए ऑस्कर से नवाजा गया है। वहीं बेस्ट एक्टर्स का अवार्ड ‘विल स्मिथ’ और ‘जैसिका चैस्टन’ को दिया गया है।

इस साल भारत की तरफ से डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘राइटिंग विद फायर’ को नामांकित किया गया था, लेकिन इस कैटेगरी में 'द समर ऑफ सोल' को ऑस्कर मिला है और भारत के हाथ नाकामयाबी लगी। इस आर्टिकल में हम भारतीय फिल्मों और ऑस्कर के बीच के रिश्ते को समझेंगे-

अब तक भारत की आठ फिल्मों का हुआ है नॉमिनेशन

भारत ने ऑस्कर में फिल्मों को 1957 से ही भेजना शुरू कर दिया था। भारत के द्वारा भेजी गई पहली फ़िल्म महबूब खान के निर्देशन में बनी 'मदर इंडिया' थी। अभी तक ऑस्कर में आठ भारतीय फिल्मों को नॉमिनेट किया जा चुका है, हालांकि अभी तक किसी भी भारतीय फिल्म के नाम ऑस्कर पुरस्कार नहीं है।

इनमें चार फीचर फिल्में और चार डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में शामिल हैं। नॉमिनेट होने वाली फिल्मों में पहली फ़िल्म Mother India (1957) है, इसके बाद शार्ट डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म 'The house that ananda built (1969), शार्ट डॉक्यूमेंट्री An encounter with face(1979), फ़िल्म Salaam Bombay(1989), फ़िल्म Lagaan (2001), डॉक्यूमेंट्री Little Terrorist (2004), ड्रामा फ़िल्म The White tiger (2021) और इस साल Writing with fire का नॉमिनेशन किया गया था।

अभी तक मिल चुके हैं पांच ऑस्कर अवार्ड

भारत की कोई फिल्म अभी तक बेस्ट फिल्म की कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड नहीं पा सकी है, लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत के खाते में ऑस्कर अवार्ड नहीं आया हो। अभी तक भारत में पांच फिल्मी सितारों को ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय भानु अथैया थीं, जिन्हें साल 1983 में फ़िल्म गांधी में कॉस्ट्यूम डिज़ाइन के लिए अवार्ड मिला था।

इसी तरह साल 1992 में बंगाली फ़िल्म निर्देशक सत्यजीत रे को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। फ़िल्म स्लम डॉग मिलिनियर (2009) के जय हो गाने के लिए ए आर रहमान को ऑस्कर अवार्ड मिला था, बता दें इसी गाने के लिए रेसुल पुकुट्टी को बेस्ट साउंड मिक्सिंग ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया था। इसी तरह साल 2009 में ही प्रसिद्ध शायर, लेखक, फ़िल्म निर्देशक और संगीतकार गुलज़ार को जय हो गाने के लिरिक्स के लिए ऑस्कर अवार्ड दिया गया था।

अवार्ड नहीं मिलने का कारण गलत फिल्मों का चयन: आलोचक

इन अवार्ड्स के बावजूद अभी तक भारतीय फिल्मों के खाते में एक भी बेस्ट फिल्म का अवार्ड नहीं है। भारत में कई फिल्में काफी अच्छी बनती हैं, लेकिन ऐसा क्या कारण है कि फ़िल्म नॉमिनेट होने के बाद भी अवार्ड नहीं ला पाती। फ़िल्म के कई दिग्गज इसका कारण यहां से अच्छी फिल्मों को नहीं भेजना मानते हैं। आलोचकों का मानना है कि लगातार असफलता का कारण गलत फिल्मों का चयन और राजनीति है।

फिल्म क्रिटिक राज बंसल बड़े अवॉर्ड्स में भारतीय फिल्मों की असफलता का कारण कंटेट और एक्टिंग को बताते हैं। वे कहते हैं कि, हमारे यहां कंटेट और टैलेंटेड एक्टर्स का भी अभाव है। साथ ही कहते हैं कि, भेजी जाने वाली फिल्म में राजनीति हावी होती है, फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ के डायरेक्टर राज शांडिल्य कहते हैं कि, हमारे यहां फिल्में तो अच्छी बनती हैं, लेकिन लॉबी जिस तरह की फिल्में भेजती है, वे कभी भी अवॉर्ड्स का हिस्सा नहीं बन पाएंगी।

ऑस्कर में कैसे होता है फिल्मों का चयन

भारत से ऑस्कर के लिए फिल्म चुन कर भेजने का काम फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिलेक्शन कमिटी का होता है। कमिटी देशभर के फिल्म निर्माताओं की संस्थाओं से फिल्में भेजने के लिए कहती है। नियम के अनुसार, एक साल के दौरान वह फिल्म देश के किसी सिनेमाहॉल में रिलीज हुई हो और देश की किसी भी आधिकारिक भाषा में हो। तय की गयी शर्तों के मुताबिक, फिल्म के खरा उतरने के बाद किसी फिल्म को ऑस्कर के लिए भेजा जाता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com