Guthlee Ladoo Review : शिक्षा अधिकार के महत्त्व पर जोर देती है गुठली लड्डू
गुठली लड्डू(3 / 5)
स्टार कास्ट - संजय मिश्रा, धनय शेठ
डायरेक्टर - इशरत आर खान
प्रोड्यूसर - प्रदीप रंगवानी
स्टोरी
फिल्म की कहानी गुठली (धनय शेठ) की है जो कि छोटी जाति भंगी से बिलॉन्ग करता है। छोटी जाति का होने के कारण उसे स्थानीय स्कूल में पढ़ने का अधिकार नहीं है। गुठली को पढ़ने का काफी शौक है इसलिए वो रोजाना स्कूल की कक्षा के बाहर खड़े होकर पढ़ाई करता है लेकिन रोजाना उसे स्कूल के प्रिंसिपल हरिशंकर बाजपाई (संजय मिश्रा) भगा देते हैं क्योंकि स्कूल के मालिक चौबे जी नहीं चाहते हैं कि छोटी जाति का कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश करे। प्रिंसिपल हरिशंकर बाजपाई चाहते हैं कि छोटी जाति के बच्चे भी स्कूल में पढ़ाई करें लेकिन स्कूल के मालिक चौबे से वो डरते हैं। इसी बीच एक दिन गुठली के पिता मंगरू (सुब्रत दत्ता) सरकारी ऑफिस में एक छोटी जाति के अफसर को देखकर फैसला करते हैं कि वो भी अब अपने बेटे गुठली को शिक्षित बनाएंगे। अब क्या गुठली कभी स्कूल में पढ़ाई कर पाएगा या फिर वो जिंदगी भर पढ़ाई से वंचित रहेगा। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन
फिल्म को डायरेक्ट इशरत आर खान ने किया है और उनका डायरेक्शन अपने विषय पर सटीक बैठता है। इस फिल्म से पहले भी कई फिल्मों में ऊंची जाति द्वारा छोटी जाति का तिरस्कार करना और उनका शोषण करना दिखाया गया है लेकिन इस फिल्म में किस तरह छोटी जाति के लोगों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है, इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है। फिल्म स्लो है, स्क्रीनप्ले और भी बेहतर किया जा सकता था। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ठीक है। फिल्म का क्लाइमेक्स और भी बेहतर किया जा सकता था लेकिन फिल्म अपनी बात कहने में काफी हद तक सफल दिखती है।
परफॉर्मेस
परफॉर्मेंस की बात करें तो संजय मिश्रा ने प्रिंसिपल के किरदार में बढ़िया काम किया है। धनय शेठ ने भी लाजवाब काम किया है। गुठली के किरदार को काफी अच्छे से धनय शेठ ने निभाया किया है। सुब्रत दत्ता और कल्याणी मुले ने भी सराहनीय काम किया है। कंचन पगारे, अर्चना पटेल, आरिफ शहडोली और संजय सोनू ने भी ठीक काम किया है।
क्यों देखें
फिल्म गुठली लड्डू शिक्षा अधिकार के महत्त्व की बात करती है और बताती है कि संविधान में सभी को शिक्षा लेने का अधिकार है, फिर चाहे वो छोटी जाति का क्यों न हो। फिल्म में जात पात और ऊंची जाति द्वारा छोटी जाति के प्रति भेदभाव को भी दिखाया गया है। अगर आप सामाजिक विषयों पर बनी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है।
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