Gandhi Godse - Ek Yudh Review
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Movie Review : अपनी बात कहने में असफल दिखती है गांधी गोड़से - एक युद्ध

राजकुमार संतोषी पूरे नौ साल के बाद एज डायरेक्टर वापसी कर रहे हैं। उनकी निर्देशित फिल्म गांधी गोड़से - एक युद्ध आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। कैसी है फिल्म चलिए आपको बताते हैं।
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गांधी गोड़से - एक युद्ध(2.5 / 5)

स्टार कास्ट - दीपक अंतानी, चिन्मय मांडलेकर

डायरेक्टर - राजकुमार संतोषी

प्रोड्यूसर - मनीला संतोषी

स्टोरी :

फिल्म की कहानी इंडिया और पाकिस्तान के पार्टीशन से शुरू होती है। पार्टीशन के बाद जिस तरह पाकिस्तान में हिंदुओं के ऊपर अत्याचार हो रहा होता है, उससे नाथूराम गोड़से (चिन्मय मांडलेकर) आहत हो जाता है। नाथूराम गोड़से के अनुसार हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार का कारण मोहनदास करमचंद गांधी (दीपक अंतानी) है। नाथूराम गुस्से में आकर गांधी जी को गोली मार देता है लेकिन गांधी जी बच जाते हैं। ठीक होने के बाद गांधी जी उसी जेल में जाने का फ़ैसला करते हैं, जहां पर नाथूराम गोड़से बंद है। जेल में पहुंचकर गांधी जी और नाथूराम गोड़से के बीच विचारों का युद्ध शुरू हो जाता है। अगर आपको यह विचारों का युद्ध देखना है तो आपको सिनेमाघर में जाकर यह फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन :

फिल्म को डायरेक्ट राजकुमार संतोषी ने किया है, लेकिन अफसोस है कि इस बार राजकुमार संतोषी का डायरेक्शन काफी कमजोर है। फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी बोरिंग और स्लो है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ठीक है। फिल्म का सेकंड हाफ फर्स्ट हाफ की अपेक्षा ज्यादा बढ़िया है। फिल्म के डायलॉग्स में भी ज्यादा दम नहीं है। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड म्यूजिक दोनों ही औसत दर्जे के हैं।

परफॉर्मेंस :

परफॉर्मेंस की बात की जाए तो चिन्मय मांडलेकर ने नाथूराम गोड़से की भूमिका काफी अच्छे से निभाई है। दीपक अंतनी इस फिल्म से पहले भी कई सारे नाटक और प्लेज में गांधी जी का रोल प्ले कर चुके हैं और यहां भी वो पूरी तरह गांधी जी लग रहे थे। तनिषा संतोषी और अनुज सैनी ने भी ठीक काम किया है। जवाहरलाल नेहरू के किरदार में पवन चोपड़ा का काम ठीक है और सरदार वल्लभ भाई पटेल के किरदार के घनश्याम श्रीवास्तव ने भी अच्छा काम किया है।

क्यों देखें :

गांधी गोड़से - एक युद्ध का सब्जेक्ट बढ़िया था लेकिन फिल्म अपने सब्जेक्ट के साथ इंसाफ नहीं कर पाती। फिल्म के टाइटल में विचारों के युद्ध का जिक्र है लेकिन इस विचारों के युद्ध में दम नहीं है। इसलिए हम तो आपको यही सलाह देंगे कि आप इस फिल्म को डिजिटल प्लेटफार्म पर ही देखें, जब भी यह प्रसारित होगी।

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