695 Review
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695 Review : राम मंदिर बनाने में लगे संघर्षों की गाथा है फिल्म 695

22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होने जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर के बनने में लगे संघर्षों की कहानी पर बेस्ड फिल्म 695 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।
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695(2.5 / 5)

स्टार कास्ट - अरुण गोविल, गोविंद नामदेव, मनोज जोशी, मुकेश तिवारी

डायरेक्टर - योगेश भारद्वाज, रजनीश बेरी

प्रोड्यूसर - श्याम चावला

एक तरफ जहां 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होने जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ विवादित जगह पर राम मंदिर के बनने में लगे संघर्षों की कहानी पर बेस्ड फिल्म 695 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। कैसी है फिल्म चलिए जानते हैं।

स्टोरी

फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि किस तरह पंद्रहवी शताब्दी में मुगलों ने अयोध्या स्थित राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और वहां पर मस्जिद बनवाया था। फिर उसके बाद अठारहवी शताब्दी में कुछ सिख समुदायों के लोगों ने मस्जिद के अंदर घुसकर मस्जिद को मंदिर बनाने का फैसला किया था लेकिन मुस्लिम समुदाय पुलिस के पास मदद के लिए जाता है। पुलिस बीच बचाव करके मामले को शांत करा देती है। फिर सन 1951 में कलेक्टर आर पी नायक (मुकेश तिवारी) जिस हिस्से में राम लला प्रकट हुए हैं, उस हिस्से को विवादित मानकर मस्जिद को ताला लगाने का फैसला करते हैं। फिर कहानी में एंट्री होती है धर्म गुरु राघव दास (अरुण गोविल) की जो कि चाहते हैं कि विवादित जगह पर ही राम मंदिर बने। राघव दास के शिष्य रघुनंदन (अशोक समर्थ) गुरु राघव दास को यह विश्वास दिलाते हैं कि वो उस जगह पर राम मंदिर बनाएंगे। फिर 9 नवंबर 2019 को कोर्ट का फाइनल डिसीजन आता है और 5 अगस्त 2020 को मंदिर का शिलान्यास किया जाता है। यही सब कुछ काफी रोमांचक तरीके से फिल्म में दिखाया गया है।

डायरेक्शन

फिल्म को डायरेक्ट योगेश भारद्वाज और रजनीश बेरी ने किया है और उनका डायरेक्शन औसत दर्जे का है। फिल्म का स्क्रीनप्ले फर्स्ट हाफ में ठीक है लेकिन फिल्म सेकंड हाफ में पटरी से उतरी हुई लगती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और भी बढ़िया की जा सकती थी। फिल्म की लंबाई भी थोड़ी कम होनी चाहिए थी। फिल्म का म्यूजिक औसत दर्जे का है और प्रोडक्शन वैल्यू काफी कमजोर है।

परफॉर्मेंस

परफार्मेंस की बात करें तो अरुण गोविल ने बढ़िया काम किया है लेकिन जैसे ही फिल्म में उनके किरदार की मृत्यु हो जाती है, फिल्म काफी कमजोर हो जाती है। अशोक समर्थ ने फिल्म में दमदार अभिनय किया है। गोविंद नामदेव और अखिलेंद्र मिश्रा का काम औसत दर्जे का है। मुकेश तिवारी और मनोज जोशी को फिल्म मे वेस्ट किया गया है। फिल्म के बाकी कलाकारों का काम भी सामान्य है।

क्यों देखें

फिल्म 695 राम मंदिर बनने के पहले हुए संघर्षों और राम लला के प्रकट होने के बाद हुई घटनाओं पर प्रकाश डालती है। फिल्म की अगर बात करें तो फिल्म का स्ट्रॉन्ग प्वाइंट फिल्म के कलाकारों की बेहतरीन परफॉर्मेंस और फिल्म का फर्स्ट हाफ है जो कि फिल्म को देखने लायक बनाता है इसलिए अगर आप प्रभु श्रीराम भगवान के भक्त हैं और राम मंदिर से जुड़ी जानकारियों को जानना चाहते हैं तो इस फिल्म को एक बार तो देख ही सकते हैं।

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