Jagjit Singh Birthday: ग़ज़ल और सुरीली आवाज़ से जीता सबका दिल, जानें उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें
राज एक्सप्रेस। "चिट्ठी ना कोई संदेश ,जाने वो कौन सा देश, जहाँ तुम चले गए "
जगजीत सिंह एक ऐसे कलाकार है जिन्हे अपने गजल गायन के लिए "द गजल किंग" यानी गजल के राजा के नाम से नवाजा गया था। राजस्थान के श्री गंगानगर के पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी में पैदा हुए जगजीत सिंह ने अपने सुरीली वाणी से सबका मन मोह लिया था। आज भले ही वह हमारे साथ ना हो लेकिन उनके गीत और गजल संगीत प्रेमियों के मोबाइल, कंप्यूटर आदि में होते है। लोग आज भी उनके गानों को सुनते है। जगजीत सिंह की आवाज ग़ज़ल गायन की प्रचलित शैली से प्रस्थान थी, जो शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय भारतीय संगीत पर बहुत अधिक आधारित थी।
जगमोहन सिंह धीमन उर्फ जगजीत सिंह के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
जगजीत सिंह एकमात्र संगीतकार और गायक हैं, जिन्होंने भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखे गए गीतों को अपनी आवाज दी।
जगजीत सिंह को बचपन से संगीत और गाना गाने का शौक था, लेकिन उनके पिता सरदार अमर सिंह धीमन उन्हे नौकरशाह बनाना चाहते थे।
जगजीत सिंह ने पंडित छगनलाल शर्मा से संगीत की शुरुआती शिक्षा ली थी, लेकिन उसके बाद वह भारतीय शास्त्रीय संगीत जैसे द्रौपद,खयाल और ठुमरी गायन को सीखने के लिए उस्ताद जमाल ख़ान के पास पहुंचे थे जो उस समय के सबसे बड़े गजल गायक हुआ करते थे।
जगजीत ने अपना पहला सबसे बड़ा काम 1961 में पंजाब के जालंधर में ऑल इंडिया रेडियो के लिए गायन के तौर पर किया था।
वह 1961 में ही मुंबई आए जहां उन्होंने अच्छे काम की तलाश में विज्ञापन के जिंगल्स गए थे।
जगजीत ने फिल्मों की दुनिया में अपना पहला गाना एक गुजराती फिल्म "धरती न छोरू" में गया था।
जगजीत सिंह ने एक तलाकशुदा गायिका से 1967 में शादी की थी। उस गायिका का नाम चित्रा था। जगजीत और चित्रा पहले सफल पति पत्नी टीम के प्रतीक के तौर पर में जाते है।
जगजीत सिंह ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी गायन किया जैसे अर्थ, दुश्मन और प्रेमगीत। दुश्मन फिल्म में ही उन्होंने अपना सबसे बहुचर्चित गाना चिट्ठी न कोई संदेश को गया था।
1990 में जगजीत सिंह ने अपने बेटे विवके के सड़क हादसे में मौत के बाद एक मजबूत वापसी की और दुनिया को लता मंगेशकर के साथ सजदा, जावेद अख्तर के साथ सिलसिला और गुलज़ार के साथ मरासिम जैसे कुछ बेहतरीन काम दिए।
उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते है जिसमे 2003 में पद्मा भूषण , 1998 में राजस्थान सरकार की तरफ से सहित कला अकादमी पुरस्कार और 2005 में गालिब अकादमी अवार्ड शामिल हैं।
जगजीत सिंह की मृत्य मानसिक रक्तस्राव (Brain Haemorrhage) की वजह से 10 अक्टूबर 2011 को मुंबई के लीलावती अस्पताल में हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद 2014 में भारत सरकार ने "गजल किंग जगजीत सिंह" के नाम से उनके सम्मान में दो डाल टिकट जारी किए थे।
जगजीत सिंह ने अपने संगीत के करियर में कई गाने गाए है लेकिन कुछ गाने जिसको लोग आज भी सुनते है। तो उनको श्रद्धांजलि देते हुए यह है कुछ उनके सबसे ज्यादा सुने जाने वाली गजलें और गाने।
होंठों से छू लो तुम - प्रेम गीत
झुकी झुकी सी नज़र - अर्थ
चिट्ठी ना कोई संदेश - दुश्मन
होशवालों को खबर क्या - सरफरोश
कोई फरियाद- गजल
वो कागज़ की कश्ती- गजल
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो- गजल
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