राज एक्सप्रेस। टेलीविजन जगत में खुद को स्थापित कर चुकीं एक्ट्रेस सनाया ईरानी जल्द ही डायरेक्टर विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित हॉरर फिल्म घोस्ट से बॉलीवुड में आगाज करने जा रही हैं। यह फ़िल्म 18 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हाल ही में हमारी मुलाकात सनाया से हुई और उन्होंने इस मुलाकात में फ़िल्म के अलावा और भी कई मुद्दों पर हमसे बात की। पेश हैं हमारी बातचीत के प्रमुख अंश।
यह फ़िल्म आपको कैसे मिली ?
इस फ़िल्म से पहले मैं विक्रम भट्ट के साथ एक वेब सीरीज कर रही थी और उसी दौरान विक्रम ने मुझे इस हॉरर फिल्म के बारे में बताया था और कहा था कि मैं यह फ़िल्म कर सकती हूं। मुझे भी फ़िल्म की कहानी काफी इंटरेस्टिंग लगी और मैंने फ़िल्म के लिए हां कह दिया। मुझे लगा कि अगर कोई डायरेक्टर मुझपर इतना यकीन जता रहा है कि मैं यह फ़िल्म कर सकती हूं तो मैं फ़िल्म के लिए ना क्यों करूं।
आपसे पहले और भी कई टेलीविजन के सितारों ने बॉलीवुड में आगाज किया है, कुछ सफल हुए तो कुछ असफल भी, तो क्या इस वक्त किसी तरह का फियर है आपको ?
मुझे इस वक्त किसी भी प्रकार का फियर नहीं है क्योंकि मैं कभी फिल्मों में काम नहीं करना चाहती थी। अगर मुझे फिल्मों में काम करना होता तो शायद फियर होता। मुझे काम मिलता गया और मैं करती गयी। इसके अलावा मुझे कभी फेमस भी नहीं होना था क्योंकि मुझे हमेशा से ही एक्टिंग करनी थी। अगर यह फ़िल्म चलती है या नहीं चलती है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। बस, मैं इसी बात से खुश हूं कि इस फ़िल्म से मैंने काफी कुछ सीखा है।
टेलीविजन और फिल्मों में काम करने के दौरान कितना फर्क आपने पाया ?
देखिए, ज्यादा तो नहीं लेकिन फिल्मों और टेलीविजन में फर्क तो है। एज मीडियम भी दोनों काफी अलग हैं। फिल्मों में काम करने के लिए आपको काफी समय मिलता है फिर चाहे वो आपका किरदार हो या फिर आपका लुक लेकिन टेलीविजन में आपको ज्यादा समय नहीं मिलता। टेलीविजन में कई बार ज्यादा समय ना होने के चलते हमारे ओके-ओके वाले सीन भी फाइनल कर दिए जाते हैं लेकिन फिल्मों में ऐसा नहीं होता। जब तक आपका सीन परफेक्ट नहीं होगा फ़िल्म का डायरेक्टर ओके नहीं बोलेगा।
एक वक्त था जब टेलीविजन के कलाकारों को छोटा समझा जाता था लेकिन आज टेलीविजन के भी कलाकार फिल्मों में काम कर रहे हैं, इस बारे में क्या कहेंगी ?
मुझे लगता है कि, कोई भी माध्यम छोटा या बड़ा नहीं होता है। अगर एक कलाकार को एक्टिंग करनी है तो उसे एक्टिंग कहीं भी कर लेनी चाहिए फिर चाहे उसे एक्टिंग फिल्मों में करनी हो या फिर टेलीविजन में, दोनों जगह उसे एक्टिंग ही करनी है क्योंकि कलाकार के लिए कोई माध्यम नहीं होता। एक एक्टर का बस यही सपना होता है कि उसे उसके काम के लिए तारीफ मिले जो कि उसका कॉन्फिडेंस बढ़ाती है।
आप अपने हसबैंड मोहित सहगल से फिल्में करने को लेकर चर्चा करती हैं ?
हां, हमारे बीच फिल्मों को लेकर काफी चर्चा होती है। मैं उनके साथ डिस्कस भी करती हूं लेकिन फिल्में करने का फाइनल डिसीजन मेरा होता है। मैं कोई भी फ़िल्म करने से पहले खुद की इंस्टिंक्ट को इम्पोर्टेंस देती हूं।
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