फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का मुद्दा काफी समय से चर्चा में बना हुआ है। इस मुद्दे पर अक्सर सेलेब्स अपनी राय रखते रहते हैं। इसी साल जून में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नेपोटिज्म को लेकर बहुत बवाल हुआ था। एक्टर के निधन के बाद लगाता कई स्टार्स सामने आकर इस पर खुलकर बात कर रहे हैं। अब हाल ही में टीवी के पॉपुलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के जेठालाल यानी दिलीप जोशी ने इस पर अपनी बात कही है। उन्होंने खुलकर नेपोटिज्म पर अपनी बात रखी है।
एक्टर दिलीप जोशी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस पर बात की है। दिलीप ने बताया कि, उन्हें अपने करियर में कभी नेपोटिज्म का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने आगे कहा, "ये हमारा कल्चर है हमारी संस्कृति है। अगर कोई व्यापारी है, उसने अपना काम धंधा जमाया है और उसका बेटा उसमें शामिल होना चाहता है तो वो निश्चित रूप से अपने पिता के धंधे को ज्वाइन करेगा।" लेकिन इसी इंटरव्यू में उन्होंने बातचीत में ये भी कहा कि, अगर कोई टैलेंटेड है, तो उसे भी मौका मिलना चाहिए, भले ही उसका फिल्मी बैकग्राउंड से कोई नाता हो या नहीं। ये इंडस्ट्री सबको मौका देती है।
बीते दिनों ही दिलीप जोशी ने कहा था कि, "वक्त के साथ तारक मेहता का उल्टा चश्मा की राइटिंग पर काफी बुरा असर पड़ा है। शो के राइटर्स पर काफी प्रेशर होता है कि उन्हें रोज नए एपिसोड के लिए स्क्रिप्ट देनी होती है और यही वजह है कि, उनकी राइटिंग की क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है।" वैसे आपको हम यह भी बता दें कि बीते दिनों ही शो के राइटर ने आत्महत्या कर ली है और इस खबर से पूरी इंडस्ट्री में सनसनी फैल गई थी।
दिलीप ने स्टैंड अप कॉमेडियन सौरभ पंत से बात करते हुए कहा, ''जब आप क्वॉन्टिटी देखते हैं तो कहीं ना कहीं क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है। पहले हम वीकली काम करते थे और राइटर्स के पास बहुत समय होता था। चार एपिसोड लिखे, दूसरे चार एपिसोड अगले महीने शूट करना है। अभी यह एक फैक्ट्री हो गया है।''
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