साउथ सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। आज रजनीकांत को 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किया गया है। रजनीकांत को फिल्म इंडस्ट्री में 45 वर्ष तक योगदान देने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। बीते दिन रजनीकांत ने अपने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने इस सम्मान के लिए खुशी जताई थी।
रजनीकांत को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार:
आज 25 अक्टूबर को विज्ञान भवन में 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के दौरान रजनीकांत को 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार समारोह में विजेताओं को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पुरस्कार प्रदान किया और शुभकामनाएं दीं। इस खास मौके पर रजनीकांत की पत्नी लता, बेटी सैंदर्या और दामाद धनुष भी ईवेंट पर मौजूद रहे। इस खास पल में रजनीकांत के साथ उनके गुरु दिवंगत फिल्म निर्माता के. बालाचंदर के न होने पर वह मायूस नजर आए।
रजनीकांत ने सरकार को कहा धन्यवाद:
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद रजनीकांत ने इसके लिए भारत सरकार का धन्यवाद कहा। उन्होंने संबोधन में कहा, "मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। मैं यह पुरस्कार अपने गुरू के. बालचंदर, अपने भाई सत्यनारायण राव और अपने ट्रांसपोर्ट ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को समर्पित करता हूं।"
बस कंडक्टर की नौकरी करते थे रजनीकांत:
बता दें कि, रजनीकांत साउथ के सुपरस्टार और बॉलीवुड मूवीज में भी अपना परचम लहरा चुके है। रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं। वह अभी भी सिनेमा में एक्टिव हैं। रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। रजनीकांत ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंदर की फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' से एंट्री ली थी। दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत की हीरो बनाने का श्रेय बालाचंदर को ही जाता है।
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