बहुत फिल्मी है कुमार विश्वास की लव स्टोरी, घर से निकाले गए थे बाहर
राज एक्सप्रेस। हिंदी के मशहूर कवि कुमार विश्वास आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपनी कविताओं के जरिए युवाओं के दिलों पर राज करने वाले कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा गांव में हुआ था। कुमार विश्वास ज्यादातर प्रेम से जुड़ी कविताएं लिखते हैं। उनकी कविता ‘कोई दीवाना कहता है’ बहुत प्रसिद्द हुई है। साथ ही कुमार विश्वास धर्म, अध्यातम और राजनीति पर भी खुलकर अपने विचार रखते हैं। कुमार विश्वास राम कथा भी करते हैं और ‘अपने-अपने राम’ के जरिए लोगों को कुमार विश्वास का नया रूप देखने को मिला है। लेकिन आज हम कुमार विश्वास की कविता, कथा या राजनीति की नहीं बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ यानी प्रेम कहानी के बारे में जानेंगे।
कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी?
दरअसल इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ने के बाद कुमार विश्वास ने राजस्थान के एक कॉलेज में हिंदी प्रोफेसर के रुप में अपने करियर की शुरुआत की। इसी दौरान कुमार विश्वास की मुलाकात मंजू शर्मा से हुई। असल में मंजू शर्मा भी उसी कॉलेज में लेक्चरर थीं। दोनों के बीच धीरे-धीरे दोस्ती हो गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई।
और परवान चढ़ा प्यार :
कुमार विश्वास ने उन दिनों मंजू के लिए कविताएं लिखने की शुरुआत की। वह श्रृंगार रस से जुड़ी कविताएं लिखते थे। मंजू उनकी कविताओं से काफी प्रभावित थीं। मंजु का घर अजमेर में था, ऐसे में कुमार विश्वास उनसे मिलने के लिए अक्सर अजमेर पहुँच जाया करते थे। दोनों अक्सर आनासागर झील, बारादरी, फायसागर झील, पुष्कर घाटी और बजरंगगढ़ मंदिर जैसी जगहों पर मिला करते थे।
घर में हुआ विरोध :
कई साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद कुमार विश्वास और मंजू ने शादी करने का फैसला किया। हालांकि कुमार विश्वास जानते थे कि जाति अलग होने के चलते परिवार वाले उनके रिश्ते को मंजूरी नहीं देंगे। ऐसे में उन्होंने अपने दोस्तों की मदद से पहले कोर्ट में और फिर मंदिर में जाकर शादी कर ली। जब घर वालों को पता चला तो दोनों परिवारों में इस शादी का विरोध हुआ। घरवालों ने उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया। ऐसे में कुमार विश्वास और मंजू को किराए का घर लेकर रहना पड़ा था।
ऐसे मिली घर में जगह :
कुमार विश्वास के फैसले से उनके पिता बहुत नाराज थे, लेकिन कुमार विश्वास के भाई और बहन लगातार उन्हें समझाते रहे। आखिरकार दो साल बाद उनके पिता ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी और इस तरह कुमार विश्वास व उनकी पत्नी को घर में एंट्री मिली। इसके बाद जब मंजू ने एक बेटी को जन्म दिया तो चीजों में सुधार हुआ और उनके परिवार ने भी कुमार विश्वास को दामाद के रूप में स्वीकार कर लिया।
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