अपने काम से ज्यादा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं जावेद अख्तर
राज एक्सप्रेस। आज बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार और स्क्रीनराइटर जावेद अख्तर अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में जावेद अख्तर देश के सबसे बड़े नामों में से एक हैं। उन्होंने सीता और गीता, ज़ंजीर, दीवार और शोले सहित कई सुपरहिट फिल्मों की कहानी, पटकथा और संवाद लिखे हैं। इसके अलावा उन्होंने कई फिल्मों के गाने भी लिखे हैं। इसके लिए उन्हें पद्म भूषण, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। हालांकि बीते कुछ सालों में अपने काम से ज्यादा जावेद अख्तर अपने बयानों के चलते सुर्ख़ियों में रहे हैं। वह देश से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपने विचार साझा करते हैं, लेकिन उन पर अक्सर विवाद हो जाता है।
संघ की तुलना तालिबान से :
एक बार जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की तुलना तालिबान से करके विवाद खड़ा कर दिया था। जावेद अख्तर ने कहा था कि, ‘जिस तरह तालिबान एक इस्लामी राष्ट्र चाहता है, ऐसे लोग भी हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं।’ उनके इस बयान का भारी विरोध हुआ था।
दिल्ली हिंसा :
साल 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जावेद अख्तर ने इस हिंसा के मुख्य आरोपी का घर सील करने पर कहा था कि, ‘दिल्ली पुलिस ने सिर्फ उसका घर इसलिए सील किया क्योंकि उसका नाम ताहिर है।’ उनके इस ट्वीट को लेकर भी काफी विवाद हुआ था।
एक से ज्यादा पति :
कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर बहस के दौरान जावेद अख्तर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि, ‘अगर मर्दों को एक से ज्यादा बेगम रखने का अधिकार दिया गया है तो औरतों को भी एक से ज्यादा पति रखने का हक मिलना चाहिए।’
कंगना vs जावेद अख्तर :
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने एक बार जावेद अख्तर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘जावेद अख्तर ने उन्हें ऋतिक रोशन से माफ़ी मांगने के लिए कहा था। साथ ही यह भी कहा था कि ऐसा नहीं करने पर उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा।’
लाउडस्पीकर पर अजान :
जावेद अख्तर ने एक बार लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर कहा था कि, ‘लाउडस्पीकर पर अजान को बंद कर देना चाहिए।’ इसके बाद मुस्लिम संगठनों ने जावेद के इस बयान का भारी विरोध किया था।
बुर्का और घूंघट :
जावेद अख्तर बुर्का और घूंघट को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि, ‘अगर आप बुर्का पर बैन लगाना चाहते है तो फिर घूंघट पर भी प्रतिबंध होना चाहिए।‘ हालांकि विरोध बढ़ने पर उन्होंने कहा था कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
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