Forgotten By Bollywood: 2 दशक तक लकी अली ने दिए बॉलीवुड को यादगार गाने, लेकिन नहीं मिला इंडस्ट्री से सम्मान
राज एक्सप्रेस। भारत के राष्ट्रीय कॉमेडियन मेहमूद (Mehmood) के घर जन्मे मकसूद महमूद अली उर्फ लकी अली ने दर्शकों को अपने गायन करियर में कई यादगार गाने दिए है। 1996 में अपनी खुद की एल्बम 'सुनो' (Sunoh) को रिलीज करने के बाद से ही लकी अली लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बना चुके थे। साल 2000 में आई ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) की डेब्यू फिल्म 'कहो ना प्यार है' (Kaho Na Pyaar Hai) में एक पल का जीना से उन्हें रातों रात शोहरत मिली थी। लेकिन साल 2015 में बॉलीवुड के लिए उन्होंने अपना आखरी गाना फिल्म तमाशा (Tamasha) का सफरनामा गया और वे गायब हो गए। लेकिन ऐसा क्यों? क्यों हिंदुस्तान के म्यूजिक का इतना प्रतिभाशाली और लोगों द्वारा प्यार किए जाने वाला गायक बॉलीवुड को छोड़ अकेलेपन की दुनिया के चला गया और छोटे रेस्टोरेंट और कंसर्ट्स में गाने के लिए मजबूर हो गया?
लकी अली के साथ भारतीय पॉप म्यूजिक का पुर्नोदय
90 के दशक में संगीत का दृश्य हिंदी फिल्मों से परे विकसित हो रहा था। कोई भी संगीत जो फिल्मों के दायरे से बाहर लोकप्रिय था, वह "इंडी-पॉप" या भारतीय पॉप संगीत माना जाता था। भारतीय संगीत इंडस्ट्री में नए तरीके के गाने जैसे झंकार बिट्स का आना शुरू हो रहा था। इसके बीच में आते है लकी अली, हाथ में गिटार लिए और कुछ अनोखी धुनों वाला एक लड़का, और वह आवाज जो अविचलित थी लेकिन फिर भी सुनने वाले के अंतर्मन को झकझोर कर रख देती थी। उनकी आवाज की बनावट काफी अनोखी थी जिसमे श्रोता को किसी भी तरह के बीट्स की जरूरत नहीं थी। उस समय अलीशा चिनॉय और दिलेर मेंहदी जैसे गायक भी थे जिन्होंने श्रोताओं के बीच अपनी अलग पहचान बनाई थी लेकिन लकी अली थोड़े अलग थे।
वह एक ऐसा समय था जब हर गायक के पास गाने का संगीत देने वाले अलग लोग हुआ करते थे जैसे अलीशा चिनॉय (Alisha Chinai) के पास बिद्दू और दलेर मेंहदी (Daler Mehendi) के पास जवाहर वाटर थे। लकी अली इन सभी कलाकारों से विपरीत अपने गानों का गीत खुद दिया करते थे। उनके गीतों को उनके घनिष्ठ मित्र सैयद असलम नूर लिखा करते थे। उनके गीतों के बोल सरल हुआ करते थे जो श्रोताओं को आसानी से ना ही सिर्फ समझ आते थे बल्कि उनके गानों को लोग ट्रैवल करते हुए भी सुनने लगे थे।
पहले एल्बम को रिलीज करने में आई कई अड़चनें
हम सभी ने लकी अली के गाने 'ओ सनम..' (O Sanam) को तो सुना ही होगा और यह भी मालूम होगा की यह गाना उनके पहले एल्बम सुनो का हिस्सा था, लेकिन क्या आपको ज्ञात है कि इस एल्बम को रिलीज करने के लिए उन्हें कितनी परेशानियों से जूझना पड़ा था। 1996 में आए लकी अली के पहले एल्बम की 1 करोड़ से ज्यादा कॉपी बिकी थी जो उस समय का एक रिकॉर्ड था। यह उस समय की बात है जब लोग सीडी या कैसेट्स खरीद कर गानों को सुना करते थे। लकी अली ने अपने एल्बम को भारत के लगभग हर बड़े रिकॉर्ड स्टूडियोज में जाकर प्रेजेंट किया लेकिन उन्हें किसी भी रिकॉर्ड स्टूडियोज से मदद नहीं मिली थी। देश के इतने बड़े कलाकार के बेटे होने के बावजूद उन्हें अपने एल्बम को रिलीज करने के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ी थी।
आखिर में जाकर बीएमजी क्रेसेंडो (BMG Crescendo) ने एल्बम को रिलीज करने की इच्छा जताई थी पर एक शर्त के साथ। बीएमजी स्टूडियो का कहना था कि वे एल्बम के गानों को तो अपने स्टूडियो के लेबल से रिलीज तो कर देंगे लेकिन उन्हें गाने का वीडियो खुद बनाना होगा। लकी अली ने फिर अपने पहले गाने ओ सनम को मिस्र (Egypt) के काहिरा (Cairo) में शूट किया जिसका बजट महज 15 लाख था। उस गाने ने लोगों के बीच धूम मचा दी थी।
2015 में किया बॉलीवुड से किनारा
साल 2015 में लकी अली ने बॉलीवुड के लिए अपना आखरी गाना गया था। उन्होंने निर्देशक इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) और रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) की फिल्म तमाशा के लिए सफरनामा गाने को गाया था। इसके बाद लकी अली गायब से हो गए थे। 2017 में एक इंटरव्यू में उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया था। उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड में बदतमीजी बहुत है, बॉलीवुड अब वैसा नहीं रहा जैसा पहले या उनके पिता मेहमूद के समय हुआ करता था। आजकल जो फिल्में बन रही हैं उनमें प्रेरणा की कमी है और मुझे लगता है कि ऐसी फिल्मों में ऐसी कुछ सीखने वाली चीज़ नहीं हैं।
उनका मानना था कि आज की बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री सिर्फ लाइक्स और व्यूज के पीछे भागती है। उन्होंने बताया था उनके पास आज भी बहुत से ऐसे गाने है जिन्हें वह सुनाना चाहते है लेकिन वह इसे किसी लेबल के माध्यम से नहीं लाना चाहते है। वह आज कल अपने फार्म हाउस में रहते है जो कर्नाटक के बंगलौर शहर के शोर शराबे से दूर है। उन्होंने मुख्य धारा के म्यूजिक से हटकर अपने असल गानों को लोगों तक पहुंचने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया है। यही नहीं वे गोवा और देश भर में छोटे कॉन्सर्ट और रेस्टोरेंट में गाना गाकर लोगों को खुश करते हुए भी नज़र आते है और अपने म्यूजिक पर आज भी काम कर रहे है।
बॉलीवुड नहीं कर पाया उनके हुनर का इस्तेमाल
हर बार की तरह बॉलीवुड ने एक बड़े हुनर दराज कलाकार की प्रतिभा को नहीं पहचाना जिसमें भारत के संगीत को बदलने की ताकत थी। 1996 से लेकर 2023 तक आज भी हम लकी अली के गानों को सुनते है क्योंकि उनके गानों में एक ऐसी मधुरता और जुड़ाव है जिससे दर्शकों के कानो को सुकून मिला करता था। लकी अली द्वारा गाए हुए गीतों के सामने आज के बॉलीवुड के गाने शायद टीक भी नही पाएंगे क्योंकि लकी ने उन गानों को अपने दिल से लिखा था और आज भी वे वही कर रहे है लेकिन बॉलीवुड ने ऐसे कई नायब हीरो की चमक को दबा दिया जो शायद भारत का नाम रौशन कर सकते थे और भारत के संगीत का सम्मान बढ़ा सकते थे।
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