Gulshan Kumar Murder Case: टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) हत्याकांड में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने आज अपना फैसला सुना दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने रऊफ मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने दूसरे आरोपी अब्दुल राशिद को दोषी ठहराया है, जिसे पहले सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था। अब्दुल राशिद को दोषी ठहराए जाने के साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
रमेश तौरानी को किया गया बरी:
वहीं इस मामले में रमेश तौरानी को बरी कर दिया गया है। कोर्ट को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसीलिए रमेश तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया गया। रमेश तौरानी पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था।
कोर्ट में आई थीं चार याचिकाएं:
गुलशन कुमार से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं। इसमें तीन अपील अब्दुल रऊफ, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं। वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी।
कोर्ट ने मर्चेंट को दी थी उम्रकैद की सजा:
बता दें कि, मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में कोर्ट ने दोषी ठहराया था। अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी। इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था। हालांकि बाद में बांग्लादेश पुलिस ने उसे फर्जी पासपोर्ट मामले में अरेस्ट किया।
मंदिर के बाहर दागी थी 16 गोलियां:
आपको बता दें कि, टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार (Gulshan Kumar murder case) को 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में मारा गया था। उनको मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारी गई थीं। मौके पर ही गुलशन कुमार की मौत हो गई थी। उनकी हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी। इसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं कुछ पर मुकदमे चल रहे हैं। जांच में यह बात सामने आई थी कि, अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के इशारे पर उसके गुर्गों ने इस हत्या को अंजाम दिया था। गुलशल कुमार के बारे में कहा जाता है कि, उन्होंने एक जूस की दुकान से इतना बड़ा म्यूजिक एम्पायर खड़ा कर लिया था।
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