जन्मदिन विशेष : लता मंगेशकर को रोजाना आता था एक सपना, माँ ने बताया था उसका मतलब
राज एक्सप्रेस। भारत की सबसे लोकप्रिय गायिका लता मंगेशकर का जन्म आज ही के दिन मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनकी आवाज़ में वह जादू था कि जो भी एक बार उनके गाने सुन लेता था, वह उनका दीवाना बन जाता था। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में रहते हुए करीब 6 दशकों तक अपने गानों से सबको अभिभूत किया। उनके द्वारा 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सुनने के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इतने भावुक हो गए थे कि उन्होंने लता ताई को स्वर कोकिला की उपाधि दी थी। आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।
कैसे पड़ा लता नाम?
28 सितंबर 1929 को इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर के पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था। जो एक मराठी थिएटर एक्टर होने के साथ ही म्यूजिशियन और वोकलिस्ट के तौर पर भी काम करते थे। लता दीदी को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला था। बचपन में लता मंगेशकर का नाम हेमा रखा गया था लेकिन जब वे 5 साल की हुईं तो माता-पिता ने उनका नाम लता रख दिया।
एक दिन में करती थी कई गाने रिकॉर्ड :
लता मंगेशकर ने अपने करियर में सैंकड़ों गानों को अपनी आवाज़ दी। जब उनकी उम्र 20 साल के आसपास थी, तब उनकी आवाज़ का जादू कुछ ऐसा था कि वे एक ही दिन में 8 गाने तक भी रिकॉर्ड कर लेती थीं। इस दौरान उनका शेड्यूल सुबह दो गाने, दोपहर में दो गाने और शाम में दो से चार गाने रिकॉर्ड करने का रहता था।
रोजाना आता था एक ही सपना :
लता दीदी को रोजाना एक सपना आता था। जिसमें वे सुबह समुद्र तट पर किसी काले पत्थर के पास बने मंदिर में अकेली खड़ी रहती थीं। वे इस मंदिर के पास जाती थीं और देखती थीं कि इस मंदिर के पीछे भी एक दरवाजा था, जिसमें काले पत्थरों से नीचे की तरफ जाती सीढियां बनी होती थीं। यहां रंगीन पानी होता था, और जब वे सीढ़ियों पर बैठती तो पानी उनके पैरों को छूता था। जब वे अपनी माँ से इस सपने का मतलब पूछती को उन्हें जवाब मिलता, 'ये भगवान का आशीर्वाद है कि तुम एक दिन बहुत मशहूर होगी।'
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।