महज 5 हजार रुपए लेकर मुंबई आए थे अनुराग, आज बना चुके हैं बड़ा नाम
राज एक्सप्रेस। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अनूठी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले अनुराग कश्यप का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 10 सितम्बर 1972 को हुआ था। निर्देशक ने अपनी उम्र के 50 के आंकड़े को पार कर लिया है। उन्होंने बॉलीवुड को कई सफल फ़िल्में दी हैं। जिनमें पांच, ब्लैक फ्राईडे, गुलाल, देव डी, गैंग्स ऑफ वासेपुर आदि का नाम शामिल है। लेकिन कम ही लोग इस बारे में जानते हैं कि अनुराग का मन कभी फिल्मों में आने का नहीं था। बल्कि वे तो घर से एक साइंटिस्ट बनने के लिए निकले थे। तो चलिए उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनकी कहानी।
सपना था साइंटिस्ट बनना :
अनुराग कश्यप ने अपनी स्कूली पढ़ाई के बाद सांइटिस्ट बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। वे चाहते थे कि बतौर साइंटिस्ट अपने देश का नाम रोशन करें। लेकिन इस दौरान कॉलेज में वे एक थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। जिसके बाद उन्होंने कई स्ट्रीट प्ले में भी हिस्सा लिया। थिएटर करते हुए उन्हें सिनेमा के अलग-अलग रूप देखने को मिले और फिर वे इस तरफ मुड़ने लगे।
खुले आसमान में बीती रातें :
साल 1993 में अनुराग अपने साथ घर से महज 5 हजार रुपए लेकर सपनों के शहर मुंबई आ गए थे। मगर यहां कुछ ही समय में उनके पैसे खत्म हो गए। जिसके बाद वह समय आया जब उनकी रातें खुले आसमान के नीचे बीतने लगीं। वे कभी किसी पानी की टंकी के नीचे सोते तो कभी समुद्र किनारे। बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें पृथ्वी थिएटर में काम मिला और उनकी एंट्री सिनेमा में हुई।
फिल्मों से मिली पहचान :
अनुराग अब तक कई फिल्मों को बना चुके हैं। लेकिन सबसे सफल फिल्मों के बारे में बारे बात करें तो उनकी 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' लोगों को बहुत पसंद आई। इसके अलावा उनकी ब्लैक फ्राईडे, गुलाल, देव डी जैसी फिल्मों ने भी लोगों का दिल जीत लिया था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।