आज से ठीक 38 साल पहले हिंदी सिनेमा को उसके परम नायक अनिल कपूर की सौगात मिली थी। इंडस्ट्री के ऊर्जावान के रूप में जाने जाने वाले, अभिनेता ने फिल्म 'वो सात दिन' से अपनी धमाकेदार शुरुआत की। प्यार, यादों, बलिदान और दिल टूटने की कहानी 23 जून 1983 को अनिल कपूर के युग की शुरुआत करते हुए रिलीज़ हुई थी।
लव ट्राइंगल के बीच उलझी जटिल और स्तरित भावनाओं से निपटते हुए, अनिल कपूर ने अपने ईमानदार और मासूम प्रदर्शन से सभी का दिल जीता। बापू के निर्देशन में बनी इस फिल्म में पद्मिनी कोल्हापुरे और नसीरुद्दीन शाह के अहम किरदार थे।
अपनी कच्ची भावनाओं, सुंदर संगीत और अभिनेता के एक उभरते संगीत निर्देशक के शक्तिशाली चित्रण के कारण, फिल्म अभी भी सिने-प्रेमियो की हमेशा से पसंदीदा बनी हुई है।
इंडस्ट्री में 38 साल बाद भी, अनिल कपूर में अभी भी वहीं, जादू और ऊर्जा है जो दर्शकों को अपने आकर्षण और करिश्मे से आकर्षित करते हैं। मिस्टर इंडिया, तेजाब, राम लखन, लम्हे जैसी कई बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मे इंडस्ट्री को दी है और आज भी वह जादू कायम है।
सुपरस्टार अनिल कपूर आखिरी बार समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म एके वर्सेस एके में दमदार परफॉर्मेंस देते हुए नजर आये थे। अब यह पावरहाउस आगमी 'जुग जुग जीयो' में अहम किरदार में नजर आएंगे तथा वे करण जौहर की बहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा 'तख्त' और संदीप रेड्डी वांगा की 'एनिमल' भी दिखाई देंगे।
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