ग्वालियर, मध्य प्रदेश। विशेष सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को व्यापम घोटाले के आरोपी की जमानत याचिका को यह कहकर निरस्त कर दिया है कि आरोपी पर गंभीर आरोप हैं इसलिए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि उसके ऊपर लगे आरोप आधारहीन हैं, बल्कि दृढ़ आधार पर आधारित हैं। ऐसा भी निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि उसे परेशान करने के लिए केस दर्ज किया गया है। ऐसी स्थिति में अग्रिम जमानत का लाभ देना उचित नहीं है।
यह है पूरा मामला :
व्यापमं ने वर्ष 2009 में पीएमटी परीक्षा का आयोजन किया था। संजय बाथम की जगह विवेक कुमार निवासी चारखी देवरी, जिला शाजापुर, उत्तर प्रदेश ने परीक्षा दी थी। वह साल्वर के रुप में परीक्षा देने के लिए मप्र आया था। उसने संजय बाथम को पीएमटी पास कराई। संजय बाथम ने जीआर मेडिकल कालेज में प्रवेश लिया। व्यापम कांड के खुलासे के दौरान संजय बाथम का फर्जीवाड़ा खुल गया। झांसी रोड थाने में आरोपित के खिलाफ केस दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर चालान पेश किया। विवेक कुमार चालान पेश करते वक्त उपस्थित नहीं हुए, इसके चलते न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित ने न्यायालय में जमानत आवेदन पेश किया। आरोपित की तरफ से न्यायालय में तर्क दिया गया कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। अब चालान पेश हो चुका है, इसलिए उसकी जरूरत भी नहीं है। जेल में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पा रहा है। सीबीआई की तरफ से जमानत का विरोध किया गया। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि आरोपित ने गंभीर अपराध को अंजाम दिया है लिहाजा उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
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