MGM Ragging Case : एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची पुलिस, सीनियर्स के खंगाले दस्तावेज
इंदौर, मध्यप्रदेश। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र के साथ कॉलेज के बाहर बहुत ही गंदे तरीके से हुई रैगिंग के मामले में मंगलवार को पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में पुलिस ने कॉलेज के सेक्शन 19 के तहत नोटिस भेजा था। इसमें आरोपी छात्र और कथित रैगिंग के संंबंध में सवाल-जवाब पूछे गए हैं। साथ ही शाम को संयोगितागंज पुलिस भी सीनियर्स छात्रों के दस्तावेज खंगालने मेडिकल कॉलेज पहुंची थी।
वहीं दूसरी तरफ कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि जिस छात्र के साथ रैगिंग हुई है, उसकी जानकारी हमे ही नहीं है कि वो कौन है। इसे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि जब तक छात्र सामने नहीं आएगा, तब तक दोषी छात्र कैसे पकड़ाएंगे। वहीं कॉलेज प्रबंधन भी कॉलेज में रैगिंग का कथित समर्थन करने वाले फेकल्टी पर कैसे कार्रवाई करेगा।
मोबाइल चैटिंग के आधार पर मांगे छात्रों के नाम :
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम को संयोगितागंज पुलिस कॉलेज पहुंची थी। उसने यहां डीन डॉ. संजय दीक्षित और अन्य के बयान लिए हैं। साथ ही जो मोबाइल चैटिंग के स्क्रीन शॉट एफआईआर के साथ उपलब्ध कराए गए हैं। उस आधार पर उन छात्रों के नाम, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी मांगी है। वहीं 2011 बैच के जो डे-स्कॉलर हैं, उनके नाम और मोबाइल नंबर मांगे हैं, जिनकी संख्या करीब 70-80 है। इन सभी से पुलिस पूछताछ कर सकती है। कॉलेज प्रशासन ने कुछ जानकारी तो पुलिस को सौंप दी है और शाम होने के कारण ऑफिस बंद हो गया था, इसलिए छात्रों से जुड़ी अन्य जानकारी बुधवार को पुलिस को सौंपी जाएगी। पुलिस इस जानकारी के हिसाब से अपना काम करेगी।
फेकल्टी भी हैरान कि छात्र कौन है?
मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र के साथ हुई रैगिंग मंगलवार को पूरे दिन कॉलेज में चर्चा का विषय रहा। सभी फेकल्टी कायस ही लगाते रहे कि पीड़ित छात्र कौन हो सकता है? कारण छात्र ने शिकायत यूजीसी के एंटी-रैगिंग सेल में दर्ज की र्है और वहां से इसे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन को भेज गई थी। इसमें पीडि़त छात्र की पहचान गोपनीय रखी है। इसलिए कॉलेज प्रबंधन और फेकल्टी को भी पीडि़त शिकायतकर्ता की जानकारी नहीं है। वहीं शिकायत और पुलिस में हुई एफआईआर के बाद 2011 बैच के छात्र खासकर डे-स्कॉलर में हड़कंप मच गया है। वहीं इस मामले में कॉलेज डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना था कि जांच पुलिस कर रही है, इसलिए हम इस मामले में भी कुछ भी नहीं कहेंगे। पुलिस ने जो जानकारी हमसे मांगी है, हम दे रहे हैं और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
यह था मामला :
उल्लेखनीय है कि एमबीबीएस के जूनियर छात्र ने अपने सीनियर्स पर रैगिंग का आरोप लगाते हुए एक शिकायत एंटी रैगिंग से यूजीसी को की थी। इस शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना संयोगितागंज में एफआईआर दर्ज हुई है। पीड़ित छात्र ने अपनी शिकायत में आरोप लगाए है कि सीनियर्स द्वारा फ्लेट्स में बुलाकर मानसिक और शरीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। जिसमें एक-दूसरे को थप्पड़ मारना, पैरों में कंडोम पहनना, कॉलेज में कक्षा से बाहर न निकलने देना और तकिए के साथ सेक्स और अन्य जूनियर छात्रों के साथ गंदी हरकत करने के लिए मजबूर किया जाता था। ऐसा न करने पर मार-पीट औेर गाली गलौज किया जाता था।
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