जबलपुर, मध्य प्रदेश। शहर में मादक पदार्थ तस्करी के साथ ही नकली नोटों का कारोबार भी चरम पर है। ऐसे ही दो नकली नोटों के सौदागार पुलिस के हत्थे चढ़े हैं, जो कि उक्त नकली नोटों की डील कर रहे थे, हालांकि यह नोट पूरी तरह से नकली हैं, इसमें रुपयों की कीमत के स्थान पर कूपन लिखा है, लेकिन यह हूबहू 50 के असली नोट की तरह दिखते हैं। पुलिस ने मामले के दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया है। जिनके पास से कागज की गड्डियां, नकली नोट और केमिकल सहित सील बरामद की गई है।
ग्वारीघाट पुलिस ने बताया कि मूलत :
रीवा निवासी 46 वर्षीय राजेन्द्र शुक्ला हालनिवासी गुप्तेश्वर अपने सहयोगी राजेन्द्र गुप्ता के साथ उक्त नकली नोटों की डील कर रहा था। जिसकी जानकारी शिकायतकर्ता मनोहर सिंह पटेल ने पुलिस को दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को दबोचा और हजारों रुपये के नकली नोट बरामद किये हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने का कार्य करते थे। इसके बाद नकली नोटों की डील करने लगे।
एक लाख के बदले 6 लाख देने की थी डील :
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता से कहा था कि वह नर्मदा तट के किनारे एक लाख 20 हजार रुपये लेकर आ जाये, उसके एवज में उसे छ: लाख रुपये दिये जायेंगे। जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपियों को दबोचा और उनके पास से 10, 20 व 50 और सौ के नकली नोटों की गड्डियां बरामद कीं।
पहले बरगी पुलिस पकड़ चुकी है आरोपी को :
पुलिस ने बताया कि आरोपी राजेन्द्र शुक्ल को पूर्व में बरगी पुलिस नकली नोट बनाने के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। उसके बाद उसने फिर से अपने कारनामे को अंजाम देना शुरु कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाईल व नकली नोट सहित कागज की गड्डियां व रीवा प्रिंसिपल के नाम की सील जप्त की है।
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