एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर चोरी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश
इंदौर, मध्यप्रदेश। क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम ने मिलकर एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाली अंतर्राज्यीय गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 अवैध पिस्टल व 6 जिन्दा कारतूस,एक लग्झरी कार तथा एटीएम मशीनों में रूपये चोरी करने में प्रयुक्त चिमटानुमा, तारनुमा व पेचकस आदि उपकरण 6 एटीएम कार्ड व नगदी 49,800 रुपए जब्त किए हैं। आरोपियों ने तीन दर्जन से ज्यादा वारदातें कबूली है। पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई यूपी की इस गैंग का सुराग लगाने के लिए क्राइम ब्रांच ने तीन हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और कई दिनों तक इनवेस्टीगेशन की, आरोपियों से अन्य गैंग्स के बारे में पूछताछ की जा रही है। कई अन्य वारदातों का खुलासा होने की संभावना है। आरोपियों की गिरफ्तारी पर 20 हजार का इनाम भी घोषित था।
कैसे लगाया गैंग का सुराग :
आपरेशन क्राइम कंट्रोल के तहत एएसपी क्राइम गुरूप्रसाद पाराशर द्वारा संपत्ति संबंधी वारदातों व विशेष तौर पर हाल के दिनों में हुई एटीएम मशीनों में धोखाधड़ी पूर्वक चोरी की वारदात के आरोपियों का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम सक्रिय हुई। इन वारदातों के आरोपियों का पता नहीं लग रहा था और डीआईजी मनीष कपूरिया ने आरोपियों पर 20 हजार का इनाम भी घोषित किया था। क्राइम ब्रांच की कई टीमों का गठन कर सक्रिय किया गया। टीमो द्वारा विगत तीन माह से शहर के विभिन्न थानो मे एटीएम संबंधी अपराधों की जानकारी प्राप्त की जाकर घटनास्थल के आसपास,शहर व अन्य शहरों जहां एटीएम संबंधी अपराध हुआ है, के हजारों सीसीटीवी फुटेज एवं टोल फुटेज की पड़ताल कर संदिग्धों के साथ ही वाहनो के संबंध मे जानकारी ली गई। विभिन्न राज्यों से भी टीम द्वारा संदिग्धों का डाटा व अन्य टेक्नीकल जानकारी प्राप्त करने के साथ ही संदिग्धों के आने जाने वाले मार्गो का भी रूट चार्ट तैयार कर अध्ययन किया गया। पूर्व की घटनाओं के संबंध मे एटीएम संबंधीत जानकारी, बैंक खातों की जानकारी व घटना मे प्रयुक्त एटीएम की जानकारी प्राप्त कर उसका विश्लेषण कर टेक्नीकल डाटा का भी विश्लेषण किया गया। पता चला कि हरियाणा मेवात एवं यूपी प्रतापगढ मे इस तरह की वारदात करने वाली गैंग्स सक्रिय हैं। इन गैंग्स का मूवमेंट पिछले तीन माह में प्रदेश के बड़े शहरों में बढा है। ये एटीएम मशीनों को निशाना बनाकर टेक्नीकल गड़बड़ी कर चोरी कर रहे हैं। उक्त गैंग्स का पता लगाने के लिए हरियाणा व यूपी के गैंग्स की पुष्टि कराई गई थी। उक्त गैंग्स के मूवमेंट पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा जानकारी एकत्रित की जाकर लगातार नजर रखी जा रही थी।
छोटे से क्लू से मिली सफलता :
बीती रात क्राइम ब्रांच की टीम को मुखबिर से खबर मिली कि परदेशीपुरा क्षेत्र में एक सफेद रंग की एक्सयूवी शहर में अपराध करने की नीयत से लसूडिया, विजय नगर, हीरानगर तरफ घूम रही है जिसमें एक ड्रायवर सहित दो अन्य संदिग्ध व्यक्ति हैं जिनके पास अवैध हथियार है। उक्त गाड़ी का नंबर एमपी 09 सीक्यू 0681 है और उक्त कार एमआर-10 से होते हुए एमआर-4 तरफ आने की संभावना है। यदि एमआर-4 रोड पर घेराबंदी कर नहीं पकड़ा गया तो कोई गंभीर अपराध घटित कर सकते हैं। उक्त सूचना के अलावा मुखबिर द्वारा यह भी आशंका जताई कि उक्त गैंग बाहरी हैं। टीम ने परदेशीपुरी पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए एमआर-4 रोड पर भंडारी मिल ब्रिज के नीचे मुखबिर के बताये एक्सयूवी सफेद वाहन को घेराबंदी कर रोका गया व कुल तीन संदिग्धों को पकड़ा। इनके नाम बजरंग उर्फ सावन पिता राजप्रताप सिंह सोमवंशी, जिला प्रतापगढ, यूपी हाल मुकाम सिविल लाईन्स, अल्लापुर प्रयागराज, यूपी, मेहताब हसन पिता मेहफूज हसन, प्रतापगढ, यूपी एवं ड्रायवर मनीष कुमार पिता स्व.घनश्याम प्रसाद चौबे, जयसिंहनगर, सागर पता चले। तलाशी लेने पर आरोपियों के कब्जे से 3 देसी पिस्टल व 6 जिन्दा कारतूस एवं चिमटानुमा, तारनुमा उपकरण व पेचकस एवं घटना में प्रयुक्त 6 एटीएम कार्ड व नगद 49,800 रुपए बरामद किये गये।
किस तरह करते थे वारदात :
प्रकरण व एटीएम कार्ड के संबंध मे पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वे शहर में विभिन्न थाना क्षेत्र लसूडिय़ा, हीरानगर, रावजी बाजार, छोटी ग्वालटोली, चंदनगर, एमजी रोड, परदेशीपुरा में एटीएम मशीनों में चोरी की घटना को अंजाम दिया था । कुल 7 स्थानों पर 8 सितंबर 21 को चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों व मप्र के कई शहरों में 3 दर्जन अधिक वारदातें आरोपियों द्वारा कबूली है। आरोपी किराए की विभिन्न तेजगति वाली लक्जरी कारों का उपयोग कर अपने मूल स्थान को छोडकर देश के विभिन्न राज्यों व बडे शहरों में बैंकों की एटीएम मशीन की रैकी करते थेे। विशेषकर एसबीआई बैंक के एटीएम की रैकी कर दिन व रात्रि के समय बैंक के गार्ड की अनुपस्थिति व सुनसान समय में बैंकों के एटीएम को निशाना बनाया जाता था। आरोपियों की गैंग के सदस्यों की संख्या तीन से पांच होकर एक चार पहिया वाहन का उपयोग कर वारदात को अंजाम दिया जाता था। ड्रायवर द्वारा घटना करने वाले स्थान पर गैंग के अन्य सदस्यों को एक-एक कर घटना का अंजाम देने के लिये छोड दिया जाता था। एटीएम पर छोडे गये सदस्यों द्वारा एटीएम डेबिट कार्ड का उपयोग कर पहले राशि आहरण की जाती है । इसी दौरान राशि आहरित के समय चिमटानुमा, तारनुमा व पेचकस फंसाकर एटीएम मे टेक्नीकल गड़बड़ी की जाती है व एटीएम मशीन का मुंह खुला रहता है। आरोपी पुन: एटीएम कार्ड का उपयोग कर राशि आहरित करता है जो उक्त आहरित होने वाली राशि पूर्व मे लगाये चिमटे मे फंसाकर बाहर निकाली जाती है। चूंकि ट्रांजेक्शन की प्रोसेस पूर्ण न होने से ट्रांजेक्शन फेल होकर रिवर्सल होता है परन्तु राशि की निकासी हो जाता है।
मास्टर माइंड से जेल में दोस्ती के बाद :
गैंग के सदस्य मूल रूप से प्रतापगढ़ यूपी के रहने वाले हैं। वर्तमान गैंग का मुखिया बजरंग उर्फ सावन है। जो करीब 2 वर्ष पूर्व एटीएम चोरी से संबंधित मामले में सागर जेल में बंद था जहां पर उक्त मनीष चौबे गाड़ी के ड्रायवर से मुलाकात हुई थी और जेल से छूटने के बाद ड्रायवर से संपर्क किया व वर्तमान में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिये गाड़ी बुलवाई थी । इसके बाद अपने अन्य साथियों बजरंग व अन्य को साथ लेकर उक्त घटनाओं को अंजाम दिया था। जिनके संबंध में विस्तृत पूछताछ जारी है। अन्य घटनाओं का खुलासा होने की संभावना है।
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