Indore : 25 हजार बांग्लादेशी बालाओं को बना दिया काल गर्ल..!
इंदौर, मध्यप्रदेश। बांग्लादेशी बालाओं को देह व्यापार में धकेलने वाले मामले में आरोपियों से पूछताछ में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आशंका तो ये है कि बांग्लादेश की 25 हजार से ज्यादा लड़कियों से देह व्यापार करवाया जा रहा था और उनके फर्जी आधार पत्र और अन्य पहचान पत्र भी बनवा दिए गए थे। सरगना की बेहिसाब कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जिस बैंक खाते को सीज किया है उसमें केवल 8 माह में ही 80 लाख रुपए जमा हुए और सरगना ने स्वीकार किया है कि ये पैसे उसने बांग्लादेशी बालाओं के जरिए ही कमाए हैं। पुलिस ने सरगना सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से 6 आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया है तीन को जेल भेज दिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सरगना विजय दत्त उर्फ मोमिनुल ने बताया कि वह बांग्लादेश से लाई युवतियों को दलालों के बेच देता था। इसके बदले में उसे 25 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक मिल जाते थे। देश के हर हिस्से के एजेंट से उसके तार जुड़े हुए हैं। अभी तक वह कितनी बालाओं को बेच चुका है ये तो वह खुद भी नहीं जानता। माना जा रहा है कि ये संख्या 25 हजार से भी ज्यादा हो सकती है। अपने आपको बचाने एवं बालाओं के परिजनों से सच्चाई छिपाने के लिए वह उनके परिजनों के पास हर माह 5 से 10 हजार रुपए तक भेज देता था। परिजन यही सोचते कि उनकी बेटी की नौकरी लग गई है और वह अब पैसे भी भेजने लगी है।
ऐसी चाल चलता था सरगना :
सरगना बेहद ही चालाकी ने ऐसी बांग्ला बालाओं का पता लगवाता था जो बेहद गरीब हो और जिनके परिवार वाले अभावों का जीवन जी रहे हों ऐसे परिवारों की रैकी वह कचरा बीनने वाले, अटाला बेचने वाले या इसी तरह का काम करने वालों के जरिए करवाता था। इस तरह के परिवार का पता चलने के बाद वह पत्नी को यहां भेजता था। उसकी पत्नी ने परिवार वालों को विश्वास दिलवा देती थी कि आपकी बेटी को अच्छी नौकरी लगवा दूंगी। परिजन जैसे ही बाला उसको सौंपते वह उसे पति के हवाले कर देती थी और उसके बाद उसे अवैध रुप से बार्डर पार कर भारत लाकर बेच दिया जाता था।
सरगना मोमिनुल रशीद के बारे में ये भी पता चला है कि गरीब परिवार को वह बांग्लादेश में बसे अपने गुर्गों के जरिए पैसा उधार देता था। उसका ब्याज 25 से 60 प्रतिशत होता था। गरीब परिवार जब कर्ज नहीं चुका पाता था तो उस परिवार की बेटी को नौकरी का झांसा दिया जाता था, उसकी हर मदद का वादा किया जाता था बाद में सरगना उसे लेकर आता और जिस्म फरोशी के कारोबार में धकेल देता था।
सरगना बेहद शौकीन मिजाज का है। काले धन की कोई कमी नहीं थी। बताते हैं कि वह महंगे शौक पालता था और ऐसी युवती से दोस्ती कर लेता था जिनके महंगे शौक होते थे और वे किसी भी तरीके से पैसा कमाना चाहती थी। उन्हें वह अपनी गैंग में शामिल कर लेता था।
युवतियों से दोस्ती कर बना लेता था एजेंट :
विजय दत्त उर्फ मोमिनुल रशीद ने मुंबई में प्रिया नामक एक युवती से दोस्ती की और उसके बाद उसके साथ लंबे अरसे तक फरारी काटी। इसके अलावा कई स्थानों पर इसी तरह की युवती के साथ वह फरारी काट चुका है और उनके जरिए दलाली भी करवा चुका है। पता चला है कि करीब 16 साल पहले जब बांग्लादेश में हिंदू मुस्लिम दंगे हुए तब ही वह भारत में आ गया। यहां एक हिन्दु परिवार में उसने पनाह ली और नाम बदलकर उसके फर्जी दस्तावेज बनावा लिए। उसने विजय दत्त के नाम से अपने दस्तावेज बनवा लिए हैं।
किस-किस को किया था गिरफ्तार :
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से सरगना सहित 6 आरोपियों को 1 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है शेष तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। आरोपियों से पूछताछ में कई रहस्य उजागर होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने गैंग के सरगना विजय पिता विमल दत्त उर्फ मामुन पिता वफज्जुल हुसैन, बांग्लादेश, आकीजा पिता माणीक शेख निवासी बांग्लादेश, दीपा शेख पिता तोसिफ मुल्ला शेख निवासी बांग्लादेश, उज्जवल पिता अवधेश प्रसाद निवासी कालिन्दी गोल्ड तथा एनजीओ चलाने वाली उसकी पत्नि तथा देह व्यापार मे उसकी साथ देने वाली नेहा उर्फ निशा तथा उसकी साथी रजनी वर्मा निवासी एमआईजी, दिलीप बाबा पिता द्वारका दास सावलानी निवासी स्कीम न. 78 एवं बबलू उर्फ पलाश मुंबई को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था।
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