इंदौर, मध्यप्रदेश। पालदा इलाके में रहने वाली 18 साल की इंजिनियर युवती ने गुरुवार की दोपहर लकड़ी काटने के इलेक्ट्रिक कटर से खुद का गला रेतकर खुदकुशी कर ली। परिजन उसे रक्तरंजित हालत में अस्पताल ले गए, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
भंवरकुआ टीआई संतोष दूधी ने बताया कि मृतिका डॉली पिता ओमप्रकाश जैसवाल (18) निवासी शांतीनगर पालदा। पिता के मुताबिक डॉली ने इंजिनियरिंग में डिप्लोमा किया था। लॉकडाउन के चलते करीब एक साल से वह घर पर ही थी और इसके कारण वह तनाव में रहने लगी थी। ओमप्रकाश एसी सुधारने का काम करते हैं। उनके घर पर फर्नीचर का काम चल रहा है। गुरुवार को वह मूसाखेड़ी स्थित साइड पर काम करने चले गए थे। इस दौरान डॉली और उसकी बहन मोनिका घर पर ही थे। दोपहर में मोनिका ने कॉल कर बताया कि डॉली ने खुद का गला काट लिया है। इस पर वह रोते हुए घर पहुंचे तो देखा कि वह खून से लथपथ है। तत्काल आसपास वालों की मदद से उसे एम्बुलेंस से एमवॉय अस्पताल लाए। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि अधिक खून बहने से उसकी मौत हुई है।
टीआई के अनुसार शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि डॉली ने लकड़ी काटने वाले इलेक्ट्रिक कटर से खुद का गला रेता है। कटर चलने की आवाज आने पर जब यहां काम कर रहा कारीगर कमरे में पहुंचा तो घटना का पता चला। पुलिस का कहना है कि फिलहाल परिजन डॉली के तनाव में रहने की बात कह रहे हैं। जांच और परिजनों के बयान के बाद ही खुदकुशी के कारणों का पता चलेगा।
पिता ही पाल रहे थे बच्चों को :
पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि ओमप्रकाश जैसवाल की पत्नी 18 साल पहले मौत हो गई थी। उसके बाद वे एक बेटे और दो बेटियों को खुद संभाल रहे थे। तीन साल पहले बेटे की अचानक मौत हो गई थी, लेकिन डॉली और उसकी बहन ने उन्हें संभाल लिया था। अब डॉली की मौत से बहन और पिता सदमें में हैैं। वहीं रिश्तेदार और आसपास के लोग स्तब्ध हैं।
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