नाइजीरिया में सरकार विरोधी आंदोलनकारियों को पैसा भेजता था साइबर ठग राबर्ट
बरेली, उत्तर प्रदेश। बरेली जिले के फरीदपुर क्षेत्र से गुरूवार को खुफिया एजेंसियों के हत्थे चढ़ा साइबर ठग और हवाला अपराधी नाइजीरियन नागरिक राबर्ट एरोमि ओजो साइबर ठगी से रकम एकत्र कर हवाला के जरिये अपने साथियों को भेजता था, जो लागोस में सरकार विरोधी आंदोलन कर रहे हैं।
साइबर अपराधी खुफिया एजेंसियाँ को गच्चा देकर 10 वर्षों से बिना वीजा भारत में रह रहा था। राबर्ट को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। उससे मिली जानकारी के बाद मिलिट्री इंटेलीजेंस व खुफिया टीम आगे जांच कर रही हैं। वहीं मामले में तीन बैंकों के अधिकारियों की भूमिका भी जांच के, खुफिया एजेंसी कर रहीं हैं।
एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि नाइजीरियन नागरिक के खिलाफ फरीदपुर थाने में धोखाधड़ी की धारा 420 फर्जी दस्तावेज तैयार कर उपयोग करने की धारा 467, 468 ,471 हुलिया बदलने की धारा 419 आईटी एक्ट 66 डी पासपोर्ट एक्ट की धारा 67 और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। फरीदपुर के मेहंदी हसन और उसके बेटे के आलावा मुकदमे में नामजद दो अन्य अभियुक्तों की तलाश में एसओजी समेत कई टीमों को लगाया गया है जल्दी ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
एसपी क्राइम सुशील कुमार ने बताया कि हरपाल का असली नाम मेंहदी हसन है। उसने फर्जी नाम से राजस्थान और नोएडा में एक एक बैंक खाता खुलवाया रखा है अरबाज उसका बेटा है उसने भी दिल्ली में दो खाते खुलवा रखे हैं इन्हीं चारों खातों में चार बार में करीब 80 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है।
राबर्ट ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2010 में भारत आया था। वर्ष 2011 में उसका वीजा समाप्त हो गया इसके बावजूद लौटा नहीं। दिल्ली में बार-बार ठिकाना बदलता रहता है। इस समय वह दिल्ली के द्वारिका में रहता है। मेहदी व बेटे के बचत खातों से 78 लाख का लेनदेन हो गया ये खाते एचडीएफसी नोएडा, पीएनबी दिल्ली व स्टैंडर्ड चार्टेट बैंक जयपुर की शाखाओं में थे खाते में 78 लाख के बाद 80 लाख रुपये बैलेंस होने के बावजूद बैंक अधिकारियों ने इस की रिपोर्ट आयकर विभाग को क्यों नहीं दी। केवाइसी की औपचारिकता में मामला पकड़ा क्यों नहीं गया, पुलिस जवाब भी तलाश रही माना जा रहा कि बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। खातों में 10 लाख या 20 लाख रुपये से ऊपर की रकम आई अंतिम बार में 80 लाख एकमुश्त ट्रांसफर किए गए। बैंक सूत्रों के अनुसार इतनी रकम ट्रांसफर होने पर लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को दी ही जाती है। सभी खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि राबर्ट के साथ कई अन्य नाइजीरियन भी हैं, जो ठगी करते हैं। दिल्ली में गिरोह तैयार किया, पैसे ट्रांसफर के लिए कई बेरोजगारों के खाते कमीशन पर ले लिए उसने स्वीकारा कि ठगी की रकम जिस खाताधारक को ट्रांसफर करता था, उसे 10 फीसद कमीशन देता था। पांच फीसद रकम खुद के लिए रखता व बाकी नाइजीरिया भेज देता था। पुलिस इस प्रकरण को हवाला से जोड़ रही है।
ठगी का मामला मानते हुए एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने उससे पूछताछ शुरू की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए, उसने कहा कि नाइजीरिया के लागोस में सरकार विरोधी आंदोलन चल रहा है। वह उसका हिस्सा है। भारत में रहकर साइबर ठगी करता है। इससे मिलने वाली रकम नाइजीरिया में रहने वाले आंदोलनकारी साथियों को भेजता है।
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