झाबुआ, मध्यप्रदेश। सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी पेंशनर महासंघ के जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नागरिक परिसंघ के संभागीय संयोजक गोपालकृष्ण शर्मा ने बताया कि जिले सहित मप्र और देश के पेंशनरों को ठगने के लिए सायबर अपराधियों ने नया तरीका निकाला है।
जिसमें वह ऑनलाईन जीवित प्रमाण-पत्र अपडेट करने के नाम पर पेंशनरों से मोबाईल पर कॉल पर उनकी पूरी डिटेल बताकर मोबाईल पर मैसेज में आया ओटीपी बताने के लिए कहते है। ओटीपी बताने पर तत्काल वह पेंशन खाताधारक के बैंक खाते से राशि निकालकर अपने फर्जी खाते में स्थानांतरित कर लेते हैं।
जीके शर्मा ने आगे बताया कि सायबर अपराधियों द्वारा पेंशनधारकों को ‘‘जीवन प्रमाण-पत्र’’ ऑनलाईन अपडेट करने के लिए कॉल किया जाता है। ऐसे अपराधियों के पास पूर्व से ही पेंशन धारक की समस्त डिटेल्स जैसे नियुक्ति की तिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि, पीपीओ नंबर (पेंशन भोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ईमेल आईडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नामिनी आदि की जानकारी होती है। उन्हें वह पूरे डाटा के साथ कॉल करते है, ताकि पेंशनरों को यह विश्वास दिलवाया जा सके कि वे पेंशन निदेशालय से है।
ना बताएं ओटीपी :
ऐसे शातिर अपराधी पेंशनरों का पूरा डाटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करने हेतु ओटीपी साझा करने अर्थात ओटीपी संख्या पूछते है। ओटीपी बताने पर तत्काल ही ऐसे अपराधियों को बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है और वे खाताधारक के खाते से राशि तुरंत दूसरे फर्जी खाते या वॉलेट में स्थानांतरित कर देते हैं।
जागरूक रहे और ठगी से बचे :
इस हेतु दोनों संगठनों से जुड़े गोपालकृष्ण शर्मा ने जिले के पेंशनरों को आगाह करते हुए बताया कि कभी भी किसी को पेंशनर निदेशालय द्वारा जीवन प्रमाण-पत्र ऑनलाईन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं किया जाता है और ना ही ओटीपी बताने के लिए कहां जाता है। यह पूर्ण रूप से गोपनीय होता है। सभी पेंशनर प्रमाण-पत्र को जीवंत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर ही अपडेट करवाएं। इस तरह आने वाली फर्जी कॉलों से बचे और इस तरह की कॉल आने पर तुरंत सायबर क्राईम सेल हजरतगंज पुलिस कमीशनरेट लखनऊ को सूचित करें।
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