चीनी और भारतीय नागरिको ने मिलकर दिया मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को अंजाम

मंगलवार की देर रात मनी लॉन्ड्रिंग का एक और मामला सामने आया है। जिसमें चीनी कंपनियों की सब्सिडियरी वाली कंपनियां और उससे जुड़े कई लोगों ने मिलकर करीब 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया।
Chinese  Indians CFitizens Money Laundering Case
Chinese Indians CFitizens Money Laundering CaseSyed Dabeer -RE
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राज एक्सप्रेस। देश में कई सालों से कई बड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, मंगलवार की देर रात मनी लॉन्ड्रिंग का एक और मामला सामने आया है। जिसमें चीनी कंपनियों की सब्सिडियरी वाली कंपनियां और उससे जुड़े कई लोगों ने मिलकर करीब 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया। इन लोगों द्वारा ब्लैक मनी का ट्रांजेक्शन किया गया था। जिसका खुलसा इनकम टेक्स डिपार्टमेंट द्वारा किया गया है।

इनकम टेक्स डिपार्टमेंट का खुलासा :

दरअसल, भारत में चीन की शेल कंपनियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही थी। इस मामले का खुलासा होने पर कई भारतीय और चीनी नागरिक सहित बैंक कर्मचारी भी शामिल है। इस मामले में जिन भारतीय नागरिकों का नाम सामने आया है, वह चीनी कंपनियों के सहयोगी के तौर पर कार्य करते थे। इनकम टेक्स डिपार्टमेंट ने इस मामले का खुलासा इन कंपनियों के कई ठिकानों पर छापा मारने के बाद किया गया। आईटी डिपार्टमेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह लोग मिलकर बहुत बड़ा रैकेट चल रहे थे। जो कि, फर्जी कंपनियों के नाम पर हवाला का कारोबार कर रहा था।

चला रहे थे फर्जी कारोबार :

आईटी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में चीनी कंपनियों की सब्सिडियरी वाली कंपनियां और उससे जुड़े लोग शेल कंपनियों के माध्यम से भारत में फर्जी कारोबार के नाम से लगभग 1000 करोड़ रुपए का क्रेडिट किया है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए भारत के कई बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट के शामिल होने की खबर सामने आई है। IT डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया है कि, इन बैंक कर्मियों ने मामले में शामिल चीनी लोगों के कहने पर लगभग 40 बैंक अकाउंट खोले जो इन डमी कंपनियों के नाम पर खोले गए थे और इन अकाउंट्स में लगभग 1000 करोड़ रुपए क्रेडिट भी किए गए थे।

हॉन्ग कॉन्ग में हुआ यह ट्रांजैक्शन :

खबरों के अनुसार, बैंकों में खोले गए इन फर्जी एकाउंट्स में अमेरिकी डॉलर का ट्रांजैक्शन किया गया है जो कि, हॉन्ग कॉन्ग के एकाउंट्स में किए गए हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा किए गए खुलासे के बाद भी इन मामलों पर गंभीरता से जांच जारी है। इसके अलावा इस मामले में एक चाइनीज कंपनी की सब्सिडियरी ने सेल कंपनियों से एक हजार करोड़ रुपए की एडवांस राशि भी वसूली है और यह पैसा रिटेल शो रूम और बिजनेस शुरू करने के नाम पर लिया गया था।

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