धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों को साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने किया गिरफ्तार
भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना संकट के चलते मध्यप्रदेश में अति. पुलिस महानिदेशक महोदय भोपाल जोन, भोपाल ए.सांई मनोहर एवं उप पुलिस महानिरीक्षक महोदय (शहर) रेंज भोपाल इरशाद वली तथा पुलिस अधीक्षक महोदय दक्षिण भोपाल सांई कृष्णा थोटा के द्वारा दिये गये निर्देश के पालन में अति. पुलिस अधीक्षक जोन-1 भोपाल अंकित जायसवाल एवं उप पुलिस अधीक्षक साइबर श्रीमति नीतू सिंह के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम ब्रान्च जिला भोपाल की टीम द्वारा केवायसी अपडेट के नाम पर फरियादी के साथ लगभग 10,40,320/-रूपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों को सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने पश्चिम बंगाल व झारखण्ड से किया गिरफ्तार।
घटनाक्रम- सायबर क्राइम भोपाल में आवेदक के द्वारा शिकायत की गई कि अमरदीप श्रीवास्तव नामक व्यक्ति के द्वारा एसबीआई अधिकारी बनकर बैंक खाते का केवायसी अपडेट करने के नाम से फोन किया गया, जिसमें फरियादी का खाता नंबर एटीएम कार्ड नंबर एवं ओटीपी पूछकर फरियादी के खाते से 27 बार में कुल 10,40,320/-रूपये की धोखाधड़ी की गई, आवेदन की जॉच पर कुल 08 बैंक खातो में फरियादी के खाते से पैसा ट्रॉसफर होना पाया गया। बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बैंक खाता एवं मोबाइल नंबरों के उपयोगकर्ताओं के विरूद्ध अपराध क्र-147/2021 धारा 419, 420 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
तरीका वारदातः- आरोपीगण सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि प्रोफाइल का अवलोकन कर ठगी करने के लिय व्यक्ति का चयन करते एवं मोबाइल के सीरियल नंबर में रेण्डमली नंबर जोडकर कॉल करते थे, आरोपीगण बैंक अधिकारी बनकर केवायसी अपडेट करने के नाम पर ओटीपी लेकर खाता धारकों के बैंक खातों से धोखाधड़ी पूर्वक ऑनलाइन पैसा अपने अन्य बैंक खातो में ट्रॉसफर कर लेते हैं एवं पैसे निकाल लेने के पश्चात पीड़ित का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते हैं ताकि पीड़ित इनसे पुनः संपर्क नहीं कर सके। इस तरह आरोपीगणों द्वारा 3-4 सालों से करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी की गई है। आरोपीगणों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त किये गये रूपयों का प्रयोग आलीशान मकान गाड़ी एवं अन्य सुख-सुविधाओं में किया जाता है। आरोपीगणों द्वारा किये गये अन्य अपराधों पर जानकारी प्राप्त की जा रही है। आरोपीगण ज्यादातर एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के खातो का उपयोग करते है, क्योंकि इन बैंको के एटीएम से अन्य बैंको की तुलना मेंज्यादा राशि आहरित हो जाती है। आरोपीगणों द्वारा 10-15 हजार रूपये में खाता धारको से बैंक खाता खरीदा जाता है। आरोपीगणों द्वारा अभी तक लगभग 100 बैंक खातो का उपयोग ठगी करने में किया गया है।
पुलिस कार्रवाई:- सायबर क्राइम जिला भोपाल टीम द्वारा अपराध कायमी के पश्चात तकनीक एनालिसिस के आधार पर त्वरित कार्रवाई कर 1.5 लाख रूपये आरोपियों के खातों मे ब्लॉक करवा दिये गये तथा आरोपियों की तलाश की गई जो पता चला कि जामताडा के अंदरूनी गॉव, आसनसोल, वर्धमान, पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में आरोपीगणों द्वारा मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के लोगों के साथ केवायसी अपडेट करने के नाम पर धोखाधड़ी की जा चुकी है। कुल 05 आरोपीगणों को झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल से गिरफतार किया गया है। जिनके पास से प्रकरण में प्रयुक्त 01 एसबीआई खाते की पासबुक, 13 मोबाईल फोन, 11 एटीएम कार्ड, 50 फर्जी सिम जप्त गया है। आरोपीगणों के विरूद्व पश्चिम बंगाल में अपराध पंजीबद्ध है।
पकड़े गए आरोपीगणों का विवरण एवं आपराधिक रिकार्डः-
1-मो. इमरान अंसारी निवासी कर्माटांड जिला जामताडा (झारखण्ड) बी.टेक.-फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी लेकर ऑनलाइन पैसा ट्रॉसफर करना।
2-अभिषेक कुमार सिंह निवासी चितरंजन पश्चिम बंगाल एल.एल.बी.थाना नॉर्थ आसनसोल पश्चिम बंगाल फर्जी बैंक खाते एवं एटीएम कार्ड की व्यवस्था करना एवं खाते ऑनलाइन एक्ससे करना।
3-मो. अफजल निवासी आसनसोल पश्चिम बंगाल तीसरी पासथाना नोर्थ आसनसोल पश्चिम बंगालफर्जी बैंक खाते एवं सिम की व्यवस्था करना एवं खाते में पैसा आने पर तुरन्त एटीएम से निकालना।
4-संजू देवनाथ निवासी साउथ 24 परगना पश्चिम बंगाल दूसरी पास-फर्जी खाते खुलवाकर आरोपी अभिषेक एवं मो. अफजल को देना एवं एटीएम से पैसे निकालना।
5-गुलाम मुस्तफा निवासी आसनसोल पश्चिम बंगाल आठवी पास-स्वयं के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर अन्य आरोपीगणो को लाभ पर बेचना।
पुलिस टीम- सायबर टीम-उनि पारस सोनी, उनि देवेन्द्र साहू, प्र. आर. पी. चिन्नाराव, प्र.आर. प्रतीक, आर. तेजराम सेन, आर. यतिन चौरे, आर. राघवेन्द्र दांगी, आर.शिवम वर्मा, आर. सुमित समद।
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