हाइलाइट्स :
क्यूआर कोड स्कैन कर मोबाइल पर भेजता था पैमेंट का फर्जी मैसेज।
यू-ट्यूब देखकर आया सायबर ठगी का आइडिया।
भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी की सायबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे शातिर सायबर जालसाज को गिरफ्तार किया है जो सोने-चांदी के आभूषण खरीदकर सुनारों को उनके मोबाइल पर पैमेंट का फर्जी मैसेज भेजकर चूना लगा रहा था। आरोपी मूलरूप से सहरसा बिहार का रहने वाला स्नातक शिक्षित युवक है और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के अलावा अन्य भाषाओं में भी माहिर है। खरीददारी करने के बाद आरोपी फोन-पे के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर ज्वैलर्स को पैमेंट का फर्जी मैसेज भेज देता था जबकि ज्वैलर्स के खाते में पैसे आते ही नहीं थे। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक मोबाइल फोन, तीन आधार कार्ड व सोने-चांदी के जेवरात समेत तीन लाख रुपए का मशरूका बरामद किया है।
एएसपी सायबर अंकित जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल के फरियादी ज्वैलर्स ने विगत 15 जुलाई 21 को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि मेरी दुकान पर सिवेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति ग्राहक बनकर आया था और उसने 43 हजार रुपए के आभूषण खरीदकर फोन-पे के बार कोड के माध्यम से पैमेंट किया था। बार कोड स्केन कर फर्जी तरीके से मेरे मोबाइल नंबर पर पैमेंट का टेक्स्ट मेसेज भेजकर कहा था कि पैमेंट हो गया है। जब वह आभूषण लेकर दुकान से चला गया तो कुछ देर बाद मैंने पैमेंट चैक किया। लेकिन खातें में पैमेंट नहीं आया था। मैंने उसके मोबाइल पर कॉल किया तो वह कॉल भी रिसीव नहीं कर रहा है। लिहाजा सायबर क्राइम पुलिस ने शिकायत के आधार पर मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने वाले आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी। विवेचना के दौरान तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने आरोपी सिवेश कुमार उर्फ मोहित रंजन उर्फ सोनू उर्फ अभिषेक कुमार (25) निवासी कोलार रोड गेहूंखेड़ा को गिरफ्तार कर लिया।
यू-ट्यूब से मिला ठगी का तरीका :
उप पुलिस अधीक्षक सायबर नीतू ठाकुर ने बताया कि आरोपी सिवेश सिंह की पत्नी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग भोपाल में ले रही है। आरोपी सिवेश पटना में अमेजिंग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के तहत पटना एयरपोर्ट पर काम करता था लेकिन पत्नी के चक्कर में वह नौकरी छोड़कर भोपाल आ गया था। भोपाल आकर आरोपी के दिमाग में यू-ट्यूब देखकर ठगी का आइडिया आया। उसने बैरागढ़, टीटी नगर व पिपलानी थाना क्षेत्र में सोने की दुकान पर खरीददारी कर इसी तर्ज पर क्रमश: 43 हजार, 29 हजार और 33 हजार 300 रुपए की ठगी की वारदातें की थीं। आभूषणों की खरीदारी करने के बाद वह ओके क्रेडिट और फोन खाता एप के माध्यम से पैमेंट का फर्जी मैसेज दुकानदार को भेजता था। दुकानदार को लगता था कि पैमेंट हो गया है। लेकिन जब असलियत सामने आती है तब तक आरोपी नौ दो ग्यारह हो चुका होता था।
15 दिन में बदल लेता था ठिकाना :
पुलिस के मुताबिक आरोपी सिवेश सिंह खाना खाने से लेकर छोटे-छोटे सामान का पैमेंट भी फोन खाता एप के माध्यम से फर्जी तरीके से करता था। वह 15-20 दिन में अपना निवास बदल लेता था। उसने मिसरोद, बाग सेवनियां, कजलीखेड़ा और गेहूंखेड़ा में मकान बदले थे। बताया जाता है कि आरोपी तमिल, तेलगू, हिंदी, अंग्रेजी और बिहारी भाषाओं का खासा जानकार है। जेवरात की ठगी करने के बाद वह मणप्पुरम गोल्ड लोन से गोल्ड गिरवी रखकर लोन ले लेता था। आरोपी के पास से लोन की कई रसीदें भी बरामद हुई हैं। आरोपी के पास से तीन फर्जी आधार कार्ड भी मिले हैं जिनका इस्तेमाल वह पहचान छिपाने के लिए करता था।
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