भंवरकुआं डकैती फालोअप : 9 करोड़ के लिए, लाए झोले रास्ते में फेंक गए
इंदौर, मध्यप्रदेश। भंवरकुआं थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई डकैती पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। वारदात के 24 घंटे बाद भी पुलिस जांच की दिशा तय नहीं कर पाई है। हालांकि संदिग्धों से पूछताछ के साथ ही पुलिस बारिकी से जांच में जुटी है।
गुरुवार दोपहर भोलाराम उस्ताद मार्ग स्थित पंडि़त जयप्रकाश वैष्णव के घर में छह नकाबपोश बदमाश घुसे और परिवार को बंधक बनाकर डेढ़ लाख रुपए लेकर भाग निकले। दिनदहाड़े हुई डकैती में पुलिस ने आसपास के साथ ही कई किलोमीटर के सीसीटीवी कैमरे खंगाले हैं, वहीं संदिग्धों की धरपकड़ और पूछताछ भी जारी है। शुक्रवार को आला पुलिस अधिकारी क्षेत्र में मौजूद रहे। इस दौरान वारदात का सीन रिक्रिएट कर परिजनों और पीडि़तों से जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि बदमाशों ने घर की मालकीन, उसकी छोटी बेटी श्वेता, दो नौकरानी को बंधक बना लिया था, जबकि बड़ी बेटी नेहा पर पिस्टल अड़ा ली थी। बदमाशों ने परिवार के लोगों से 9 करोड़ रुपए के बारे में पूछा। उनके इनकार करने के बाद बदमाशों ने घर सभी कमरे खंगाले, लेकिन उन्हें नौ करोड़ हाथ नहीं लगे। बदमाश घर में रखे डेढ़ लाख रुपए ले गए। जाते समय बदमाश साथ लाए झोले रास्ते में फेंक गए जो पुलिस को मिल गए हैं। लेकिन इन्हें जब्ती में फिलहाल नहीं लिया है। पुलिस की एक टीम फोरेंसिक रूप से भी जांच में जुटी है, जिसमें उंगलियों के निशान आदि लिए गए हैं। वहीं अन्य टीमें भी अपने-अपने टास्क को पूरा करने में लगी है।
रंजिश में अफवाह फैलाई! :
पुुलिस को शंका है कि परिवार के ही परिचित ने वारदात को अंजाम दिया है। अब पुलिस उनसे मिलने जुलने वालों की कुण्डली खंगाल रही है। इसके साथ ही परिवार में आने जाने वालों की भी जानकारी निकाली जा रही है। पुलिस ऐसे सभी लोगों से पूछताछ कर रही है, जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। वहीं बताया जाता है कि वैष्णव गुरु का किसी से लेनदेन भी था, जिसके चलते एक ने आत्महत्या भी कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने तब गुरु से पूछताछ की थी। वहीं अन्य भी लेनदेन की बात सामने आई है। माना जा रहा है कि ऐसे ही किसी शख्स ने रंजिशन बदमाशों के सामने घर में 9 करोड़ रखे होने की अफवाह फैलाई हो। वहीं एसपी महेशचंद्र जैन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही वारदात का खुलासा कर दिया जाएगा।
45 साल पहले शहर आए थे :
बताया जाता है कि ज्योतिष जगदीश वैष्णव 45 साल पहले उदयपुर से इंदौर आए थे। तब उन्होंने टेंट हाउस में नौकरी की, इसके बाद मेडिकल स्टोर पर भी काम किया। उन्हें ज्योतिषी में रुचि थी, जिसके चलते कुछ साल पहले उन्होंने इसे शुरू कर दिया। वह कुंडली देखने और मिलाने का काम करने लगे। लोग उनके यहां नंबर लगाकर कई दिनों तक इंतजार करते थे। उन्हें लोग गुरुजी नाम से पुकारने लगे, जिससे आर्थिक स्थिति ठीक हो गई। उन्होंने बंगला बना लिया। पिछले साल दिसंबर में बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई थी। उनकी पत्नी भावना, बेटी श्वेता के साथ अकेली रहती थी। जबकि बड़ी बेटी नेहा की 4 साल पहले खजराना शादी हो गई। ज्योतिष पर एक व्यक्ति की मौत के मामले में आरोप लगे थे, जिसमें पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी। पुलिस ने वैष्णव परिवार की ओर जानकारी जुटाई। पंडित जगदीश वैष्णव मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले हैं।
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