कैथल। हरियाणा के कैथल में बलात्कार और हत्या के दो अलग-अलग मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों के बीच 'समझौता' कराने की कोशिश करने के आरोप में एक महिला सहायक पुलिस उप निरीक्षक (एएसआई) समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
पुलिस ने आज यहां दी जानकारी के अनुसार पहले मामले में 27 अगस्त को एक महिला ने शिकायत दी थी कि फैक्ट्री मालिक ने काम के बहाने रात को बुलाया और उनके साथ बलात्कार किया। आरोप है कि संबंधित पुलिसकर्मियों ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की और आरोपी सुशील लाला से दस लाख रुपये रिश्वत के रूप में लिये व दोनों पक्षों में समझौता कराने की कोशिश की। आरोप है कि रिश्वत की रकम में से तीन लाख रुपये पीड़िता को दिये गये कि वह चुप कर जाए और उनकी मूल शिकायत को भी बदलवाया गया।
इसकी भनक पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक दलीप सिंह से जांच करवाई। डीएसपी की जांच में पता चला कि पुलिसकर्मियों ने बनती कानूनी कार्रवाई नहीं की और मामले को लंबित रखा, जो अपने कार्य में कोताही है। इस प्रकरण में शहर थाना के दो पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है और एक महिला एएसआई समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
दूसरे मामले में, शहर के तलाई बाजार में चाय की दुकान चलाने वाले रितेश को मामूली विवाद के बाद पड़ोसी दर्जी के यहां कार्यरत आरोपी राजू ने कैंची घोंप दी थी। पुलिस ने इस प्रकरण में भी कानूनी कार्रवाई करने के बजाय केस दबाते हुए समझौता कराने का प्रयास किया। हमले में घायल रितेश की चौथे दिन अस्पताल में मौत हो गई। रितेश की मौत के बाद पुलिस ने आरोपी राजू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस प्रकरण में पुलिस निरीक्षक शमशेर सिंह व हेड कांस्टेंबल देवेंद्र को निलंबित किया गया है।
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