कोरोना वायरस वैक्सीन : अब टीके पर ही टिकी उम्मीद

दुनियाभर में करीब डेढ़ सौ टीकों पर परीक्षण चल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी यह पुष्टि की है कि उसकी निगरानी में जिस टीके पर काम चल रहा है सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक टीका तैयार हो सकता है
Coronavirus Vaccine
Coronavirus VaccineSocial Media
Published on
Updated on
2 min read

कोरोना वायरस वैक्सीन : देश में इस समय अनलॉक-2 जारी है। बाजार पूरी तरह खुल चुके हैं और कोरोना का डर लोगों में लगभग न के बराबर है। मगर देश में कोरोना संक्रमण के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे तो लगता है कि फिलहाल महामारी का कहर थमने वाला नहीं है। रोजाना बढ़ते आंकड़े चिंता पैदा करने वाले हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि पहले के मुकाबले अब देश में कोरोना संक्रमितों की जांच के काम में तेजी आई है और एक दिन में दो लाख जांच होने का रिकार्ड भी बन चुका है। इसलिए संक्रमितों की तादाद तेजी से बढ़ऩा स्वाभाविक है। इसके बावजूद कुछ हद तक संतोषजनक बात यह है कि भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी बढ़ी है। लेकिन बड़ी चुनौती बिना लक्षण वाले मरीजों को लेकर बनी हुई है। यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विडंबना है कि ज्यादातर अस्पताल शहरी इलाकों में हैं। इसलिए राज्य सरकारों को चाहिए कि वे कोरोना से निपटने के लिए अब अपने स्तर पर कार्य योजनाएं बना कर उन पर कारगर तरीके से अमल करें और ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान दें।

महामारी के संकट काल में इसे सबसे सुखद खबर माना जाना चाहिए कि भारत कोरोना का स्वदेशी टीका बनाने की ओर है। हालांकि, इसकी तारीख को लेकर असमंजस जरूर है, मगर भारत के लिए यह काम इसलिए भी असंभव नहीं है कि क्यूंकि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभाओं ने पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। ऐसे में दुनिया के कई देश भारतीय वैज्ञानिकों से भी बड़ी उम्मीदें लगाए हुए हैं। कोरोना के नए टीके की खोज की दिशा में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और भारत बायोटेक मिलकर कर रहे हैं और कामयाबी के काफी करीब पहुंच चुके हैं। कोरोना महामारी ने दुनिया में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी जद में ले लिया है और पांच लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कोई दवा या इलाज नहीं हो पाने की वजह से सिर्फ बचाव के तरीकों से ही महामारी से लड़ा जा रहा है। कोरोना विषाणु को लेकर जो नई-नई जानकारियां मिल रही हैं और जिस तेजी से यह विषाणु नए-नए रूपों में परवर्तित हो रहा है, वह भी विज्ञानियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

मुश्किल यह खड़ी हो गई है कि बीमारी के नित नए लक्षण सामने आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना की कोई एक अचूक दवा खोज निकालना आसान काम नहीं है। अभी तक दुनियाभर में बुखार, इन्फ्लूएंजा या एड्स की दवाओं से ही संक्रमितों को ठीक करने की कोशिशें चल रही हैं। पर कहीं कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसलिए जब तक कोई जांचा परखा इलाज नहीं खोज लिया जाता, तब तक महामारी के चंगुल से निकल पाना संभव नहीं है। दुनियाभर में करीब डेढ़ सौ टीकों पर परीक्षण चल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसकी निगरानी में जिस टीके पर काम चल रहा है, उसके परीक्षण के नतीजे आने में दो हफ्ते लग सकते हैं और सब ठीक रहा तो साल के अंत तक टीका तैयार हो सकता है।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com