CoronaVirus: पिछले पांच-छह महीने की तमाम कवायदों के बावजूद अब भी अगर कोरोना वायरस(Coronavirus) के संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है तो यह चिंता की बात है। हालत यह है कि कोरोना से जंग में इतनी जद्दोजहद के बाद आज भी डल्यूएचओ(WHO) स्थिति और खराब होने की आशंका जता रहा है। इस चिंता का आधार यह है कि दुनिया के कई देश कोरोना से निपटने के मामले में गलत दिशा में जा रहे हैं। इस वजह से संक्रमित लोगों और मरने वालों की तादाद में और बढ़ोतरी हो रही है। भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को कोरोना के नए मामलों ने फिर रिकॉर्ड बनाया। पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस के 32695 नए मामले(Corona New Cases) सामने आए। देश में लगातार सातवें दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 26,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। देश में संक्रमण के मामले 9,68,876 हो गए जिनमें से 3,31,146 लोगों का उपचार चल रहा है और 6,12,815 लोग मुक्त हो चुके हैं।
डल्यूएचओ(WHO) ने कहा है कि जिन एहतियात और उपायों की बात की जा रही है, उनका पालन नहीं किया जा रहा है; अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यह महामारी बद से बदतर होती जाएगी। यह समझा जा सकता है कि डल्यूएचओ(WHO) की चिंता विश्व भर में कोरोना के फैलते पांव के मद्देनजर है और इसके आकलन के मजबूत आधार होंगे। मगर सवाल है कि आखिर किन वजहों से कोरोना से बचाव के लिए एहतियाती उपाय करने में कुछ देश लापरवाही बरत रहे हैं। हालांकि शुरुआत में डल्यूएचओ(WHO) के निर्देशों के मुताबिक दुनिया भर में अलग-अलग देशों में इससे बचाव के लिए जिस तरह के कदम उठाए गए, उससे इस महामारी पर काबू पाने की उम्मीद की गई थी। लेकिन इस बीमारी से संक्रमित लोगों और मरने वालों के जैसे आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि या तो इससे बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों पर अमल में कोताही बरती जा रही है या फिर यह बीमारी पर काबू पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
कोरोना(Corona) से बचाव का अब तक कोई चिकित्सकीय उपाय नहीं निकल पाया है, इसलिए फिलहाल इससे बचाव ही रास्ता है और यह कोई बहुत मुश्किल नहीं है। मसलन, डल्यूएचओ(WHO) ने दिशा-निर्देश में लोगों के बीच आपस में थोड़ी दूरी बरतने, हाथ धोने और मास्क(MASK) पहनने जैसे बहुत साधारण उपायों को शामिल किया है, जिससे संक्रमण को रोका जा सकता है। लेकिन अफसोस है कि सिर्फ इतने उपाय करने में भी कुछ देशों में कोताही बरती जा रही है। जबकि इस वायरस के बारे में जैसे अध्ययन सामने आ रहे हैं, उससे यही लगता है कि निकट भविष्य में पहले की तरह सब कुछ सामान्य नहीं हो पाएगा। कोरोना से बचाव के टीके को लेकर कई देशों में तेजी से काम हो रहा है, लेकिन इस मामले में बहुत सावधानी बरते जाने की जरूरत है। इतना तय है कि लंबे समय तक अगर यह स्थिति बनी रही तो बहुत सारे देश कई स्तरों पर बहुत कठिन चुनौतियों से घिर जाएंगे।
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