जेफ बेजोस ने सोमवार को बेच दिए थे 24 मिलियन से अधिक शेयर
पूर्व बयान से पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वह मियामी जा सकते हैं
इस बीच, कैपिटल गेन टैक्स को लेकर सुनाई देने लगे हैं विरोध के स्वर
राज एक्सप्रेस। साल की शुरुआत में अमेजॉन की रैली को भुनाने के लिए जेफ बेजोस को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। कंपनी के 50 मिलियन शेयरों को बेचने की योजना का खुलासा करने के दो सप्ताह से भी कम समय में, बेजोस ने 24 मिलियन शेयर बेच दिए हैं, जिनकी कीमत 4 अरब डॉलर से अधिक है। बता दें कि दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति ने पहले 2021 के बाद से स्टॉक नहीं बेचा था। हालांकि, जेफ बेजोस ने यह नहीं बताया है कि वह अब क्यों बेच रहे हैं। लेकिन, उन्होंने जिस समय शेयर बेचने का निर्णय लिया, उस पर गौर करने से इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
उन्होंने 2 नवंबर को घोषणा की कि वह सिएटल क्षेत्र से मियामी जा रहे हैं। उन्होंने 8 नवंबर को तथाकथित 10(बी)5-1 योजना अपनाई। वाशिंगटन राज्य ने 2022 में 7% पूंजीगत लाभ कर लगाया - ऐसा कुछ जो फ्लोरिडा में नहीं है - जिसका अर्थ है कि बेजोस के स्थानांतरण से उन्हें 288 मिलियन डॉलर की बचत होने की संभावना है। जेफ बेजोस ने सोमवार को शेयर बेचे थे। इस साल में सोमवार तक अमेज़न के शेयरों में 13% बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिस दिन बेजोस ने शेयर बेचे थे। इसके अगले दिन मंगलवार को वे 2.2% फिसलकर 168.64 डॉलर के स्तर पर आ गए।
वाशिंगटन के लिए 288 मिलियन डालर का टैक्स बिल एक अहम वित्तीय लाभ साबित हो सकता है, लेकिन इस पर प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। राज्य को पिछले साल कैपिटल गेन टैक्स के रूप में 855 मिलियन डालर का लाभ हुआ था। राज्य के अधिकारियों के अनुसार, 288 मिलियन डॉलर का कर बिल वाशिंगटन के लिए एक महत्वपूर्ण अप्रत्याशित लाभ होगा, जिसने पिछले साल पूंजीगत लाभ कर से 855 मिलियन डॉलर जुटाए थे, जिनमें से आधे से अधिक केवल 10 लोगों से आए थे।
इस बीच, इस कर को लेकर विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। अरबपति कारोबारी केन फिशर ने मार्च में घोषणा की थी कि वह अपनी कंपनी को वाशिंगटन से टेक्सास स्थानांतरित कर देंगे। इसके साथ ही, उन्होंने इस कर और इसे वैध ठहराने वाले न्यायालय के फैसले की कड़ी आलोचना की। बता दे्ं कि, इस कर को निरस्त करने के लिए नवंबर में मतदाताओं के समक्ष एक जनमत संग्रह प्रस्ताव लाया जा सकता है। अतः, प्रस्तावित कर बिल से भविष्य में प्राप्त होने वाली राशि के बावजूद, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इसे व्यापक जनसमर्थन प्राप्त नहीं है। आगामी महीनों में इस मुद्दे पर राज्य में बहस तेज होने की संभावना है।
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