विश्व बैंक को मिलने वाला है नया प्रमुख, मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने में कितने कारगर रहेंगे अजय बंगा?
राज एक्सप्रेस। विश्व बैंक के वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में आज एक अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए तमाम शेयरधारक वाशिंगटन में एकत्रित हुए हैं। यह बैठक ऐेसे समय में आयोजित हो रही है, जब वित्तीय बाजारों की हलचल, जलवायु संकट, रूस यूक्रेन युद्ध के प्रभावों से पैदा हुए खाद्यान्न संकट की वजह से पूरी दुनिया परेशान है। माना जा रहा है कि आज से शुरू होने वाली वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग में वर्ल्ड बैंक से जुड़े सभी पक्ष किसी निर्णायक रणनीति पर पहुंचने में सफल होंगे, जो वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने में सफल होगी।
विश्व बैंक पर नीतियों में बदलाव का दबाव
फ्रांस के प्रधान मंत्री इमानुएल मैक्रॉन और बारबाडोस के मिया मोत्ले के नेतृत्व में विश्व के नेता, शिक्षाविद और विकास विशेषज्ञ चाहते हैं कि बैंक जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे गरीब देशों की और अधिक मदद करे और हाल के दिनों में पैदा हुए वैश्विक दबावों से निपटने की एक साझा रणनीति बनाई जाए। विश्व बैंक ने बदलाव के लिए अपनी दृष्टि निर्धारित कर ली है। सदस्य देशों ने कुछ प्रारंभिक सुधारों को मंजूरी दे दी है, जिसमें विश्व बैंक को अधिक पैसा उधार देने और अधिक निजी निवेश आकर्षित करने जैसी बातें शामिल हैं।
बैठक में अजय बंगा पर रहेगी नजर
सोमवार को होने वाली चर्चा के केंद्र में स्वाभाविक रूप से अजय बंगा होंगे, जिनकी आने वाले हफ्तों में बैंक के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की पूरी संभावना है। वित्तीय मामलों के जाने माने विशेषज्ञ अजय बंगा जब यह अहम पदभार संभालेंगे, तो उन्हें सदस्य देशों की उच्च अपेक्षाओं से जूझना पड़ेगा। स्वाभाविक रूप से अजय बंगा से सदस्य देशों ने बहुत अधिक उम्मीदें लगा रखी हैं और अब देखना यह है कि वह किस तरह गरीबी, ग्लोबल वार्मिंग और यूक्रेन युद्ध के प्रभावों से जूझ रही दुनिया के सहयोग के लिए विश्व बैंक की कार्यप्रणाली और दृष्टिकोंण में बदलाव लाते हैं। अब देखना यह है नियुक्ति के बाद, जोकि लगभग तय है, वह किस तरह सभी पक्षों का भरोसा जीतते हुए विश्व वित्त निकाय की कार्यप्रणाली में जरूरी और समयानुकूल बदलवा लाते हैं।
जाने-माने वित्त विशेषज्ञ हैं बंगा
जैसा कि सभी जानते हैं कि अजय बंगा दुनिया के जाने-माने वित्त विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपने सुदीर्घ कार्यकाल में कई ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनका वित्तीय बाजार में बहुत सम्मान से जिक्र किया जाता है। अब विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में उन्हें एक तुलनात्मक रूप से ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। देखना यह है कि वह किस तरह से इस चुनौती पर खरे उतरते हैं। एक लंबे समय तक वित्त कार्यकारी रहे 63 वर्षीय बंगा 2010 में मास्टरकार्ड में मुख्य कार्यकारी बने थे। मास्टरकार्ड के, जिसका स्वामित्व 25,000 से अधिक वित्तीय संस्थानों के गठबंधन के पास था, सीईओ के रूप में दस साल के कार्यकाल में उन्होंने मास्टर कार्ड को 350 बिलियन डालर के जबर्दस्त पावर हाउस के रूप में बदल दिया था।
वैश्विक चुनौतियों से मुकाबला प्राथमिकताः बंगा
लंबे समय से मास्टरकार्ड के कार्यकारी रहे माइक फ्रोमैन ने कहा, उन्होंने एक धीमी बैंक-एसोसिएशन संस्कृति को एक उच्च-प्रदर्शन वाली, चुस्त बेहद सक्रिय वित्तीय संस्थान में बदल दिया। उन्होंने कहा यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसमें नेतृत्व, प्रेरणा और दृष्टि हर चीज का योगदान रहा। विश्व बैंक के आलोचकों की शिकायत है कि, जलवायु परिवर्तन पर पर्याप्त रूप से ध्यान केंद्रित करने के अलावा, यह बड़े संकटों के प्रति इसकी प्रतिक्रिया काफी धीमी है। इसमें महत्वाकांक्षा और रचनात्मकता का भी अभाव है। बंगा ने कहा कि विश्व बैंक के प्रमुख के रूप में वह वैश्विक गरीबी को कम करने के बैंक के मुख्य मिशन में तात्कालिकता की एक नई भावना लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन संकट और कई अन्य़ वजहों से दुनिया पर खाद्यान्न का संकट मंडरा रहा है। हमें एक कारगर रणनीति पर काम करते हुए इनसे मुकाबले की तैयारी करनी होगी।
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