ZEE Sony Merger : जी और सोनी का मेल, क्या बदलेगा भारतीय मनोरंजन बाजार का खेल ?

जी इंटरटेनमेंट एंड इंटरप्राइजेज और सोनी पिक्चर नेटवर्क इंडिया ने एक दूसरे का आपस में विलय करने का समझौता किया है। एक होने के बाद यह भारत के मनोरंजन बाजार की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।
ZEE Sony Merger
ZEE Sony MergerPriyank Vyas - RE
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राज एक्सप्रेस। जी इंटरटेनमेंट एंड इंटरप्राइजेज और सोनी पिक्चर नेटवर्क इंडिया ने एक दूसरे का आपस में विलय करने का समझौता किया है। इसके तहत जी इंटरटेनमेंट के पूरे कॉन्टेंट जिसमें जी5 भी आता है और सोनी पिक्चर के सभी इंटरटेनमेंट कॉन्टेंट जिसमें उनका सोनी लिव भी आता है, अब एक हो जाएंगे और यह भारत के मनोरंजन बाजार की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।

इस पूरे कंपनी का आकार अनुमान से दो अरब डॉलर होने की संभावना है। यह पूरी डील गैर बाध्यकारी करार के अंतर्गत हुई है और इस पूरे डील को पूर्ण होने में लगभग 90 दिन का समय लगेगा। जिसमें सेबी से अनुमति मिलना, शेरहोल्डर्स से अनुमति मिलना और साथ ही और भी जितनी कानूनी अड़चनें हैं उन सभी बाधाओं को दूर कर 90 दिन के बाद इन दोनों कंपनियां मिलकर एक कंपनी का स्वरूप लेंगे। इस करार में सोनी के पास इस कंपनी का 53 प्रतिशत हिस्सा और जी के पास इस कंपनी का 47 प्रतिशत हिस्सा रहेगा। सोनी पिक्चर के प्रवर्तकों के पास इस इकाई में निर्देशकों को नियुक्त करने का भी अधिकार होगा।

इस पूरी प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद सोनी इस पूरे डील में 1.57 अरब डॉलर रुपए का निवेश भी करेगा। वर्तमान में जी के सीईओ पुनीत गोयनका है जो कि आगे भी इस एकीकृत इकाई के सीईओ बने रहेंगे, परंतु भविष्य में ज्यादा हिस्सेदारी सोनी की होने के कारण कभी भी सोनी अपने सीईओ को अवसर दे सकती है। इस करार के तहत एक और समझौता हुआ है जिसके अंतर्गत सुभाष चंद्र जो की जी के प्रवर्तको में से एक हैं उनको 2 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है और साथ ही 2 प्रतिशत हिस्सेदारी उनको गैर प्रतिस्पर्धा के लिए दी जाएगी, मतलब कि सुभाष चंद्रा भविष्य में इस व्यवसाय से जुड़ा हुआ कोई भी काम शुरू नहीं करेंगे। साथ ही सुभाष चंद्रा के पास एक और अवसर यह दिया गया है कि वह अगर चाहे तो इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं।

अभी हाल ही में सुभाष चंद्रा ने अपने शेयर बेचकर अपने कर्जों का भुगतान किया था। आगे अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग एवं सेबी के पाले में गेंद है कि वह इस विलय संधि को कितनी जल्दी हरी झंडी देती है या कुछ कानूनी लगाकर के इस समझौता को रोकती है। परंतु बाजार ने इस समझौते के बाद अच्छा मूड दिखाया है और जी का शेयर 32% की बढ़ोतरी दर्ज किया है अभी ज़ी टीवी का लाभ 1015 करोड़ है और उसका सालाना इनकम 7730 करोड़ है और कंपनी के पास 1853 करोड रुपए कैश उपलब्ध है, वहीं सोनी के पास 976 करोड़ रुपए का लाभ पिछले साल दर्ज की थी, सोनी के पास 5846 करोड़ रुपए का इनकम किया था और उनके पास बहुत बड़ा 11 हजार करोड़ का कैश रिजर्व है।

अभी इस समझौते पर दोनों कंपनी के शेयर धारकों की प्रतिक्रिया देखना है। इस समझौते से यह तो साफ हो गया की जी के अंदर सब सही नही चल रहा था क्योंकि अभी कुछ दिन पहले जी के सबसे बड़े शेयर होल्डर इंवेस्को जिसके पास कंपनी का 18 परसेंट शेयर है उन्होंने वर्तमान सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग भी की थी और कंपनी के बोर्ड की बैठक भी बुलाबली थी। यह समझौता उस वक्त आया है जब कंपनी की स्थिति डामाडोल चल रही है और जी के दो निर्देशकों का इस्तीफा भी हो गया था जो बाद में वापस भी हुआ परंतु जो सबसे बड़ी बात है वह यह की अगर यह डीलर आगे बढ़ता है तो भारतीय मनोरंजन बाजार की पूर्ण रूप से बदलने की संभावना है और बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।

इसके बाद जो बाकी मनोरंजन जगत की कंपनियां है वह भी भारतीय बाजार में ज्यादा पैसे लगाएंगे जिससे भारतीय दर्शकों को बेहतर मनोरंजन मिलेगा और साथ ही साथ नई नौकरियों का सृजन भी होगा। साथ ही भारतीय मनोरंजन बाजार विश्व के मनोरंजन बाजार में अपना दम दिखाता हुआ दिखेगा। वर्तमान में मनोरंजन को उद्योग का दर्जा प्राप्त नहीं है यह डील शायद एक कदम आगे मनोरंजन जगत को ले जा सकता है जहां इसको उद्योग का दर्जा घोषित करने के सरकार को मजबूर करे, परंतु इन दोनों कंपनियों का विलय होने के बाद यह तो निश्चित है कि भारतीय दर्शकों को बहुत कुछ नया मिलने वाला है और बेहतर मिलने वाला है साथ ही यह मेल भारतीय मनोरंजन बाजार को बदलने में काफी मददगार होगा।

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