क्या ऑयल इंडस्ट्री पर लग जाएगा ताला?

पिछले सप्ताह तेल की कीमत ने जीरो लेवल के नीचे तक गोता लगा डाला। परिणाम स्वरूप तालाबंदी अब वास्तविक सच्चाई है। उत्पादकों और रिफायनरियों के लिए यह बेहद खराब स्थिति है।
ऑयल इंडस्ट्री पर मंडरा रहा तालाबंदी का खतरा।
ऑयल इंडस्ट्री पर मंडरा रहा तालाबंदी का खतरा।Social Media
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हाइलाइट्स

  • Covid-19 का आर्थिक प्रभाव

  • अब तालाबंदी वास्तविक सच्चाई

  • तेल संकट का अगला अध्याय उद्योगबंदी!

राज एक्सप्रेस। तेल की नकारात्मक कीमतें, अवांछित कार्गो के साथ समुद्र में डूबते जहाज और तेल को छिपाने के लिए अति सक्रिय व्यापारियों के कारण तेल संकट का अगला अध्याय अब अपरिहार्य है। पेट्रोलियम इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर बंद होने लगी है। सोमवार को कीमतें गिरने तक आम राय थी कि दिसंबर तक आउटपुट में रोजाना 1.5m बैरल की गिरावट होगी।

आर्थिक प्रभाव : ऑयल इंडस्ट्री में Covid-19 का आर्थिक प्रभाव नाटकीय रूप से कई चरणों में सामने आया। लॉकडाउन के कारण कारखानों के बंद होने से इसने पहले मांग को बर्बाद किया जिससे संचालकों को घर बैठने की नौबत आन पड़ी। इसके बाद भंडारण केंद्र भरना शुरू हो गए और ट्रेडर्स ने उम्दा कीमतों की उम्मीद में कच्चे तेल को स्टोर करने के लिए समुद्री टैंकर्स का सहारा लिया। यह इस बात का संकेत है कि बाजार कितना विकृत हो गया है।

लेकिन जितना बड़ा संकट गहराया है उसके सामने तमाम प्रयास कम साबित हुए हैं। इससे कीमतों में गिरावट रोकने के प्रयास असफल हो गए। जिससे पिछले सप्ताह तेल की कीमत ने जीरो लेवल के नीचे तक गोता लगा डाला। परिणाम स्वरूप तालाबंदी अब वास्तविक सच्चाई है। उत्पादकों और रिफायनरियों के लिए यह बेहद खराब स्थिति है।

"हम अंत-खेल की ओर आगे बढ़ रहे हैं, मई की शुरुआत या मध्य तक स्थिति चरम पर होगी। स्थिति से हम महीनों नहीं बल्कि कुछ सप्ताह की दूरी पर हैं।”

टॉबियॉन टॉर्नक्विस्ट, कंपनी प्रमुख, गुनवर ग्रुप लिमिटेड

ओपेक+ पर नजर :

सैद्धांतिक रूप से तेल उत्पादन में पहली कटौती ओपेक+ गठबंधन से आनी चाहिए। यह गठबंधन इस महीने की शुरुआत में 1 मई से उत्पादन कम करने के लिए सहमत हुआ था। अग्रणी अमेरिकी शेल पैच वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में 40 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट के बाद सोमवार को भारी नुकसान हुआ।

पिछले हफ्ते चार साल के निचले स्तर तक गिरने के बाद अमेरिकी उद्योग की प्रतिक्रिया का नतीजा है कि तेल कुओं से निकासी की मात्रा में तेज गिरावट आई है। कोरोना वायरस संकट से पहले अमेरिका में शुक्रवार तक तेल कंपनियों ने लगभग 650 रिग्स का संचालन किया। उनमें से 40% से अधिक ने काम करना बंद कर दिया जबकि अब केवल 378 शेष हैं।

"सोमवार को वास्तव में लोगों ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि उत्पादन धीमा करना होगा। बाजार की स्थिति की गंभीरता को समझने के लिए यह बाजार के चेहरे पर एक तरह से तमाचा है।"

बेन ल्यूकॉक, सह-प्रमुख, ट्राफिगुरा ग्रुप

गिरावट की आशंका :

मेक्सिको की अमेरिकी खाड़ी से अमेरिकी कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक ट्राफिगुरा का मानना है कि टेक्सास, न्यू मैक्सिको, नॉर्थ डकोटा और अन्य राज्यों में उत्पादन अब उम्मीद की तुलना में बहुत तेजी से गिर जाएगा क्योंकि कंपनियां नकारात्मक कीमतों पर प्रतिक्रिया करती हैं।

गौरतलब है कि नकारात्मक कीमतें भौतिक बाजार में पिछले सप्ताह कई दिनों तक बनी रहीं।सोमवार को कीमतें गिरने से दिसंबर तक उत्पादन में लगभग 1.5m बैरल प्रति दिन गिरावट की आम सहमति थी। अब बाजार पर नजर रखने वालों को जून के अंत तक नुकसान तय नजर आ रहा है।

"कीमतों के तीव्र दबाव से गतिविधियों को तत्काल बंद करना पड़ सकता है।"

रोजर दीवान, तेल विश्लेषक, IHS मार्किट लिमिटेड

भौतिक बाजार में कीमत का झटका विशेष रूप से तीव्र रहा खास तौर पर दक्षिण टेक्सास सोर और पूर्वी कैनसस कॉमन जैसे क्रूड स्ट्रीम के उत्पादकों को पिछले सप्ताह अपने आउटपुट बोझ को उतारने के लिए 50 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का भुगतान करना पड़ा।

छंटनी का गवाह :

कॉनोकोफिलिप्स और शेल निर्माता कॉन्टिनेंटल रिसोर्स इनकॉरपोरेटेड ने आउटपुट बंद करने की योजना की घोषणा की है। ओक्लाहोमा में नियामकों ने पट्टों को खोए बिना तेल ड्रिलर्स को कुओं को बंद करने की अनुमति देने संबंधी मतदान किया। न्यू मैक्सिको ने भी इसी तरह का निर्णय लिया।

वर्षों से यूएस शैल क्रांति का पर्याय रहा नॉर्थ डकोटा भी तेजी से छंटनी का गवाह बना है। तेल उत्पादकों ने पहले ही 6,000 से अधिक कुओं को बंद कर दिया है। इससे रोजाना 405,000 बैरल या राज्य के लगभग 30 फीसदी उत्पादन में कमी आई है।अफ्रीका के गरीब देश चाड में उत्पादन में कटौती अमेरिका तक सीमित नहीं होगी। वियतनाम और ब्राजील के लिए उत्पादक अब या तो आउटपुट कम कर रहे हैं या ऐसा करने की योजना बनती दिख रही है।

दिग्गजों के लिए चुनौती :

पिछले सप्ताह आपातकालीन बोर्ड की बैठकों में, छोटी और बड़ी तेल कंपनियों ने एक ऐसे दृष्टिकोण पर चर्चा की, जो किसी भी ऑयल एक्जीक्यूटिव के लिए सर्वाधिक निराशाजनक है। छोटी फर्मों के लिए, अगले कुछ हफ़्ते तक स्थिति बरकरार रहने की संभावना है लेकिन एक्सॉन मोबिल कॉर्प और बीपी पीएलसी जैसे दिग्गजों के लिए यह एक चुनौती है। इस सप्ताह जब कंपनियां कमाई की रिपोर्ट जारी करेंगी तो इससे बड़े ऑयल संकट के दौर में अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी।

बड़े नाम बड़े कदम :

सऊदी अरब, रूस और बाकी OPEC+ गठबंधन सदस्य 20% से अधिक या 9.7 मिलियन बैरल प्रति दिन उत्पादन में कमी पर शुक्रवार को आउटपुट कटौती में शामिल होंगे। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी सऊदी अरामको पहले से ही लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कांट-छांट कर रही है। जबकि रूसी तेल कंपनियों ने मई में अपने प्रमुख कच्चे तेल के निर्यात को 10 साल के निचले स्तर पर लाने की घोषणा की है।

फिर भी, यह पर्याप्त नहीं हो सकता है। प्रत्येक सप्ताह 50 मिलियन बैरल क्रूड का भंडारण किया जा रहा है। जो समन्वित रूप से जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन और संयुक्त राज्य अमेरिका को ईंधन देने के लिए पर्याप्त है। इस लिहाज से दुनिया जून तक भंडारण से बाहर हो जाएगी। यूएस कोस्ट गार्ड ने शुक्रवार को कहा कि कैलिफोर्निया में कई टैंकर्स ने लंगर डाला है। जिन पर नजर रखी जा रही है।

उत्पादन बंद करना जरूरी :

संकट की मार से पहले, दुनिया एक दिन में लगभग 100 मिलियन बैरल की खपत कर रही थी। हालांकि अब डिमांड 65 से 70 मिलियन बैरल के बीच है। इसलिए इस खराब स्थिति में लगभग एक तिहाई वैश्विक उत्पादन को बंद करने की जरूरत है। वास्तविकता कम गंभीर होने की संभावना है क्योंकि भंडारण इस दौरान आपूर्ति और मांग के बीच की खाई को पाटना जारी रखेगा। इसके अलावा, तेल व्यापारियों का कहना है कि खपत में शायद कमी आई है और यह बहुत धीमी वसूली शुरू करेगा।

रिफाइनरी बंदी :

इससे पहले कि यह गति पकड़े तेल शोधन के माध्यम से बड़ा शटडाउन फैल जाएगा। पिछले सप्ताह के दौरान सबसे बड़े अमेरिकी शोधकों में से एक, मैराथन पेट्रोलियम कॉर्प. ने घोषणा की कि वह फ्रांसिस्को के पास अपने एक संयंत्र में उत्पादन बंद कर देगा। रॉयल डच शेल पीएलसी ने अलबामा और लुसियाना में तीन अमेरिकी रिफाइनरियों में कई इकाइयों को निष्क्रिय कर दिया है।

पूरे यूरोप और एशिया में कई रिफाइनरियां कुल क्षमता के मुकाबले आधी ताकत से चल रही हैं। अमेरिकी तेल रिफाइनर ने 17 अप्रैल को सप्ताह में रोजाना केवल 12.45 मिलियन बैरल संसाधित किया। यह मात्रा 30 वर्षों में सबसे कम है।

तेल व्यापारियों और सलाहकारों के मुताबिक और भी अधिक रिफाइनरी बंद होने की कगार पर हैं। विशेष रूप से अमेरिका में जहां लॉकडाउन यूरोप की तुलना में बाद में शुरू हुआ और मांग अभी भी है। विश्लेषकों के मुताबिक वैश्विक रिफाइनरियां मई में कुल क्षमता का 25% हिस्सा रोक सकती हैं।

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