क्या वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट का इंडिगो में होगा विलय ? निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी ने दिया यह जवाब

वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। चर्चा है कि गो फर्स्ट एयरलाइन का इंडिगो में विलय हो सकता है।
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राज एक्सप्रेस । वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। गो फर्स्ट की उड़ानें रद्द चल रही हैं। इस बीच चर्चा है कि गो फर्स्ट एयरलाइन का इंडिगो में विलय हो सकता है। इन खबरों पर अब इंडिगो प्रबंधन ने कोई प्रतिक्रिया करने से इनकार कर दिया है। गो फर्स्ट एयरलाइन ने इस खबर पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। इंडिगो प्रबंधन ने कहा है कि कंपनी बाजार में चल रही अटकलों पर कोई कमेंट नहीं करना चाहती।

कंपनी ने मर्जर की बात का खंडन नहीं किया

कंपनी की इस टिप्पणी के बाद भी मर्जर की चर्चाओं पर विराम नहीं लगा, क्योंकि कंपनी ने मर्जर की बात का खंडन नहीं किया। बीते कुछ दिनों से खबर आ रही है कि इंडिगो कर्ज में डूबी दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट की अधिकांश हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है। उल्लेखनीय है कि किफायती दामों में हवाई सफर उपलब्ध करवाने वाली विमानन कंपनी गो फर्स्ट इस समय संकट से जूझ रही है। खबर है कि इंडिगो गो फर्स्ट में बहुमत हिस्सेदारी खरीद सकती है। अब इस पर एयरलाइन ने कमेंट करने से इनकार कर दिया है।

तीन मई से ही बंद हैं गो फर्स्ट की सेवाएं

कंपनी ने कहा कि हम अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते है। हम अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर फोकस करते हैं। इस पर गो फर्स्ट की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई है। गौरतलब है कि भारी कर्ज के बोझ तले दबी एयरलाइन गो फर्स्ट की सर्विस 3 मई से ही बंद है। विमान कंपनी की सर्विस को 12 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है। कंपनी ने अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इंजन सप्लाई में देरी के कारण उनकी आधे से अधिक विमान ग्राउंडेड हैं।

गो फर्स्ट पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप

वहीं दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही गो फर्स्ट एयरलाइन की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। एनसीएलटी ने गो फर्स्ट पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। नोटिस में कहा गया है कि इन्सॉल्वेंसी के नाम पर एयरलाइन ने धोखाधड़ी की है। इन आरोपों को लेकर एनसीएलटी ने एयरलाइन से दो हफ्तों में जवाब मांगा है। डिलीवरी ने अपनी शिकायत में कहा है कि 2 मई को गो फर्स्ट एयरलाइन ने 57 लाख रुपये उधार लिया था। एयरलाइन ने फ्यूचर सर्विसेज के नाम पर यह उधार लिया है, लेकिन उन्होंने दिवालिया प्रक्रिया के लिए याचिका डाल दी है। कंपनी पहले से मन बना चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद उसने उधार लिया। अब इस मामले में गो फर्स्ट से जवाब मांगा गया है।

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