राज एक्सप्रेस। आज से कुछ समय पहले जब बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि’ मार्केट में आई थी, तब चारों तरफ छा गई थी, लेकिन पिछले कुछ समय से ‘पतंजलि’ लगातार विवादों में गिरी हुई है। इसके अलावा बाबा रामदेव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी अच्छे रिलेशन किसी से नहीं छुपे हैं, जिसके चलते बाबा रामदेव विपक्ष में भी चर्चा का विषय बने रहते हैं। हालांकि इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि, कांग्रेस सरकार राज्यों में पतंजलि को ज़मीन न मिली हो। फ़िलहाल चारों तरफ ‘पतंजलि’ को बैन करने की मांग की जा रही है, हर जगह #रामदेव_ठग_है ट्रेंड कर रहा है।
क्यों ट्रेंड कर रहा है :
दरअसल बाबा राम देव की कंपनी के CEO आचार्य बालकृष्ण सुर्खियों में हैं, जी हां! हाल ही में हुए एक इंटरव्यू के दौरान आचार्य बालकृष्ण की बातों को कुछ गलत तरीके से पेश किया गया, साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर झूठ फैलाया जा रहा है। जिसके चलते #रामदेव_ठग_है ट्रेंड कर रहा है। चलिए जानिए क्या है, पूरा मामला?
क्या है मामला :
पतंजलि के CEO आचार्य बालकृष्ण ने ‘इकनोमिक टाइम्स’ को एक इंटरव्यू दिया था, उस दौरान उन्होंने कहा कि, अब पतंजलि कंपनी विदेशी मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ समझौता करने के लिए तैयार है, जिसका मतलब देश की जनता ने यह लगाया कि, अब पतंजलि कंपनी विदेशी MNC (मल्टी नेशनल कंपनी) के साथ मिल कर अपना बिजनेस आगे बढ़ाएगी। जबकि सबको पता है कि, बाबा रामदेव शुरू से ही विदेशी वस्तुओं की आलोचना करते आये हैं। इसी बात से भड़के लोगों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर अकाउंट पर बाबा रामदेव के खिलाफ ट्वीट किया है।
महिला कांग्रेस का कहना :
एक महिला कांग्रेस (All India Mahila Congress ) ने कहा कि, पतंजलि समूह और भाजपा का पाखंड एक ही स्तर पर पहुंचता है, योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने 'स्वदेशी' और राष्ट्रवाद को बनाया है। खराब गुणवत्ता के कारण अब राजस्व में गिरावट के साथ, वे 'स्वदेशी' को पीछे छोड़ते हुए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
नज़मा फातिमा ख़ान का कहना :
वहीं अधिवक्ता नज़मा फातिमा ख़ान ने भी बाबा रामदेव की आलोचना करते हुए उन्हें ‘पलटू’ बोलते हुए कहा कि, पतंजलि कंपनी विदेशी ब्रांडों के साथ युद्ध की घोषणा के बाद, रामदेव की पतंजलि अब उनके साथ व्यापार करने के लिए तैयार हैं, यहाँ सभी पलटू हैं।
क्या थी सही बात :
दरअसल आचार्य बालकृष्ण ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि, वो तब तक विदेशी कंपनियों के साथ समझौता करने के विरोध में नहीं हैं, जब तक वो पतंजलि कंपनी के सिद्धांतों के आड़े न आएँ। इसके अलावा उन्होंने यह बताया था कि, मल्टी नेशनल कंपनियों द्वारा पतंजली कंपनी को ऑफर्स आये है, लेकिन उन्हें सिर्फ यह कारण कि, वो MNC हैं, बता कर मना तो नहीं किया जा सकता है। बालकृष्ण के इसी बयान का जनता ने गलत मतलब निकाला और सब जगह ऐसी झूठी खबरें उड़ाना शुरू कर दिया कि, पतंजलि अब विदेशी कंपनियों के साथ काम करेगी।
बाबा रामदेव की प्रतिक्रिया :
मामले की जानकारी लगते ही बाबा रामदेव ने भी सोशल मीडिया पर इन सब बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूरी बात का स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने लिखा कि, पतंजलि ने कभी भी विदेशी निवेश ना कभी लिया है, ना कभी लेंगे। @Ach_Balkrishna जी ने @EconomicTimes के इंटरव्यू में केवल यह कहा है "विदेशों में डिस्ट्रिब्यूशन्स के लिए विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करेंगे" विदेशों में भारत का बना सामान बेचना स्वदेशी को ताकत देना है। जिसके बाद बाबा रामदेव के समर्थकों ने ट्विटर पर ‘सल्यूट बाबा रामदेव’ ट्विट कर ट्रेंड कराया।
उत्पादों में गोमूत्र का इस्तेमाल :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सोशल मीडिया पर बहुत समय से पतंजलि के उत्पादों में गोमूत्र होने की बात भी फैलाई जा रही है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है, कंपनी जिन औषधि या उत्पाद में गोमूत्र का इस्तेमाल करती हैं, उस पर साफ़-साफ़ लिखा होता है। यही कारण था कि, ‘हलाल इंडिया’ द्वारा पतंजलि को हलाल सर्टिफिकेट नहीं मिला था। इसके बाद ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान पतंजलि ने उन्हें स्पष्ट किया कि, उनके सभी उत्पादों में गोमूत्र नहीं होता है।
कई लोगों ने इस तरह सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
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