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कौन होते हैं एंकर इनवेस्टर जिन्हें आईपीओ खुलने के एक दिन पहले ही एलॉट हो जाते हैं कंपनी के शेयर? जानिए

आईपीओ जारी होते समय एंकर निवेशक का नाम जरूर आता है। सभी कंपनियां सार्वजनिक होने से पहले अपने एंकर निवेशकों के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का खुलासा करती हैं।
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हाईलाइट्स

  • साल 2009 में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एंकर निवेशक का कांसेप्ट शुरू किया था

  • एंकर निवेशक को कॉर्नरस्टोन निवेशक भी कहा जाता है

  • एंकर निवेशक एक संस्थागत निवेशक होता है, जो किसी कंपनी के आईपीओ में भाग लेता है

राज एक्सप्रेस । जब भी आप आरंभिक सार्वजनिक पेशकश यानी आईपीओ के बारे में कोई खबर पढ़ते हैं तो उसमें एंकर निवेशक का नाम भी जरूर आता है। सभी कंपनियां सार्वजनिक होने से पहले अपने एंकर निवेशकों के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का खुलासा करती हैं। आखिर, ये एंकर निवेशक कौन हैं और आईपीओ में इनकी क्या भूमिका होती है? चलिए जानने का प्रयास करते हैं एंकर निवेशक कौन होते हैं।

आप जब भी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की खबर देखते होंगे, उसमें एंकर निवेशक का जिक्र जरूर होता है। कंपनियां आईपीओ लाने से पहले यह बताती हैं कि उसने एंकर निवेशकों के जरिए कितना फंड जुटाया है। ऐसे में यह बहुत स्वाभाविक सवाल है कि ये एंकर निवेशक आखिर होते कौन हैं और आईपीओ में इनकी क्या भूमिका होती है ?

सेबी ने शुरू किया था यह कांसेप्ट

साल 2009 में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एंकर निवेशक का कांसेप्ट शुरू किया था। एंकर निवेशक को कॉर्नरस्टोन निवेशक भी कहा जाता है। एंकर निवेशक एक संस्थागत निवेशक होता है, जो किसी कंपनी के आईपीओ में भाग लेता है। जहां तक ​​कीमत का सवाल है, एक एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ को स्थिरता प्रदान करता है। एंकर निवेशक क्यूआईबी (क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) होते हैं, जिन्हें आईपीओ से एक दिन पहले एक निश्चित मूल्य पर शेयर आवंटित किए जाते हैं। प्रत्येक एंकर निवेशक को न्यूनतम 10 करोड़ रुपये (मेनबोर्ड आईपीओ) / 1 करोड़ रुपये (एसएमई आईपीओ) का निवेश करना जरूरी होता है। क्यूआईबी निवेशकों में सार्वजनिक वित्तीय संस्थान, बैंक, म्यूचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, वीसीएफ (वीसीएफ), एआईएफ और एनबीएफसी शामिल हैं, जो अपने ग्राहकों की ओर से पैसा निवेश करते हैं।

कितना होता है एंकर आरक्षण?

ज्ञात हो कि एंकर निवेशकों का कुल आवंटन क्यूआईबी आरक्षण के 60 प्रतिशत और आईपीओ के लिए कुल इश्यू साइज के 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। एंकर निवेशकों का एक तिहाई हिस्सा घरेलू निवेश फंडों के लिए आरक्षित किया जा सकता है। आरक्षित एंकर श्रेणी में एंकर निवेशकों द्वारा खरीदे गए शेयर अनुदान तिथि से 50 प्रतिशत शेयरों के लिए 30 दिनों की लॉक-अप अवधि और बचे हुए 50 प्रतिशत शेयरों के लिए 90 दिनों की लॉक-अप अवधि होती है।

एंकर निवेशक के लिए क्या होते हैं बिडिंग रूल?

एंकर निवेशकों के लिए बोली इश्यू शुरू होने से एक दिन पहले शुरू हो जाती है। एक बार बोली लगाने के बाद एंकर निवेशक अपनी बोली वापस नहीं ले सकते या संशोधित नहीं कर सकते। एंकर निवेशकों को आवेदन के समय कुल बोली राशि का भुगतान करना होगा। एंकर निवेशकों को आवंटन एंकर निवेशकों द्वारा बोली जमा करने की उसी तिथि पर पूरा किया जाता है।

परिजन एंकर निवेशक के रूप में नहीं कर सकते आवेदन

एक एंकर निवेशक मेनबोर्ड आईपीओ में 10 करोड़ रुपये और एसएमई आईपीओ में एक करोड़ रुपये के शेयरों के लिए आवेदन कर सकता है। एंकर निवेशक एंकर श्रेणी में प्रस्तावित शेयरों की कुल संख्या तक आवेदन कर सकते हैं। ध्यान रहे, परिवार का कोई भी सदस्य, रिश्तेदार, मर्चेंट बैंकर या प्रमोटर एंकर निवेशक श्रेणी के तहत शेयरों के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

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